KNEWS DESK अमेरिका जो कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश हैं.वहां लाखों भारतीयों में सबसे अधिक पंजाब मूल के लोग हैं लेकिन अचानक से अमेरिका बेरोजगारी काफी बढ़ गई है. अब सरकार ने शख्त नियम दिए है कि कम से कम 15 डॉलर प्रति घंटा सैलरी दी जाए फिर भी आधी पगार पर लोग काम करे उन्हें नकद भुगतान कर पैसा बचाया जा रहा है|
शरणार्थियों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी होने मंदी पर असर पड़ा
अमेरिका में सबसे ज्यादा मजदूरी कैलिफोर्निया राज्य में मिलती रही है अब वहां पर भी कम पगार में श्रमिक मिलने लगे हैं। पहले एक घंटे के 14 डॉलर और 8 घंटे के 112 डॉलर मिलते थे|इसके साथ ही अमेरिका में मंदी की आहट से भारतीय मूल के लोग भी प्रभावित हो रहे हैं। वहां लाखों भारतीयों में सबसे अधिक पंजाब मूल के लोग हैं, जिनमें अधिकांश मजदूरी करते हैं|अमेरिका में होटल सफाई करने वाले लोगों की सैलरी सालाना 25000 से 30000 डॉलर होती है, जो भारतीय रुपये में लगभग 25 लाख रुपये है लेकिन पिछले कुछ समय में अमेरिका में शरणार्थियों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी होने से इस पर खासा प्रभाव पड़ा है अमेरिका में एक स्टोर की मैनेजर मंजीत कौर संघा का कहना है कि.. बेरोजगारी काफी बढ़ गई है। सरकार का सख्त नियम है कि कम से कम 15 डॉलर प्रति घंटा सैलरी दी जाए फिर भी आधी पगार पर लोग काम कर रहे हैं। उन्हें नकद भुगतान कर पैसा बचाया जा रहा है |
एक झटके में चली गईं 80 लाख नौकरियां
अमेरिका में आईटी कंपनी के संचालक रूपेश जैन का कहना है कि संकट तो है। पहले 80 हजार नौकरियां अचानक चली गईं। अब सत्ता और विपक्ष के बीच तकरार चल रही है। अगर मामला न निपटा तो सरकारी कर्मचारियों का वेतन रुक सकता है। 70 लाख लोगों की नौकरी जा सकती है और दुनियाभर में मंदी आ सकती है। सबसे अधिक असर भारतीय लोगों पर है और जो प्रशिक्षित नहीं हैं, उन पर तो सबसे अधिक संकट है|