KNEWS DESK, ब्राजील में चल रहे जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा देने की घोषणा हुई है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के बाद ऐलान किया कि नए साल में भारत के साथ व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत फिर से शुरू की जाएगी। इस पहल को दोनों देशों के बीच आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
डाउनिंग स्ट्रीट के अनुसार ब्रिटेन भारत के साथ एक नई व्यापक रणनीतिक साझेदारी की तलाश कर रहा है जिसमें व्यापार, सुरक्षा, शिक्षा, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करना शामिल है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के प्रवक्ता ने कहा, “भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। व्यापार समझौता ब्रिटेन में नौकरियों और आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देगा और हमारे देश के लिए नए अवसर पैदा करेगा।”
भारत और यू.के. संबंधों को नई गति
प्रधानमंत्री मोदी ने इस पहल का स्वागत करते हुए इसे “अत्यधिक प्राथमिकता” वाला कदम बताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “भारत और यू.के. के बीच व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना हमारी प्राथमिकता है।” विदेश मंत्रालय ने भी कहा कि यह बैठक भारत-यू.के. रणनीतिक साझेदारी को नई गति देने में सहायक होगी। दोनों नेताओं ने एक “संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी मुक्त व्यापार समझौते” की जरूरत को भी रेखांकित किया।
12 महीनों में 42 अरब GBP का द्विपक्षीय व्यापार
ब्रिटेन के व्यापार और व्यापार सचिव जोनाथन रेनॉल्ड्स ने भारत को ब्रिटेन का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार बताया। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और दोनों देशों के बीच जून तक के 12 महीनों में द्विपक्षीय व्यापार 42 अरब GBP तक पहुंचा। जनवरी 2022 में भारत और ब्रिटेन के बीच एफटीए पर बातचीत शुरू हुई थी, लेकिन इस साल के आम चुनावों के दौरान बातचीत ठप हो गई थी। अब, नए साल में यह वार्ता फिर से शुरू होने जा रही है।
साझेदारी के प्रमुख क्षेत्र
ब्रिटेन और भारत के बीच यह साझेदारी व्यापार तक ही सीमित नहीं रहेगी। दोनों देश सुरक्षा, शिक्षा, तकनीकी सहयोग, और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग को गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।