जापान के क्यूशू द्वीप पर 6.9 तीव्रता का भूकंप, सुनामी की चेतावनी जारी

KNEWS DESK – जापान के क्यूशू द्वीप पर शनिवार रात तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसकी तीव्रता 6.9 मापी गई। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (JMA) ने इस भूकंप के बाद सुनामी का अलर्ट जारी किया है। शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक किसी प्रकार की जान-माल की हानि की सूचना नहीं है। यह घटना एक बार फिर जापान के भूवैज्ञानिक संवेदनशीलता को उजागर करती है।

भूकंप का समय और केंद्र

भूकंप स्थानीय समयानुसार रात 9:19 बजे आया। इसका केंद्र क्यूशू द्वीप के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में स्थित था। झटके इतने तेज थे कि क्यूशू और उसके आसपास के द्वीपों पर रहने वाले लोग तुरंत घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, जापान की बेहतर भूकंप-रोधी संरचनाओं और प्रबंधन प्रणाली की वजह से बड़े नुकसान से बचा जा सका।

सुनामी की चेतावनी और सतर्कता

भूकंप के तुरंत बाद क्यूशू और आसपास के क्षेत्रों में सुनामी का अलर्ट जारी किया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि समुद्र के स्तर में वृद्धि हो सकती है, जिससे निचले तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा है। सरकार ने इन इलाकों में रहने वाले लोगों से ऊंचे स्थानों पर जाने की अपील की है।

जापान: भूकंपों का केंद्र क्यों?

जापान ‘रिंग ऑफ फायर’ क्षेत्र में स्थित है, जो टेक्टोनिक प्लेटों के सक्रिय संचालन का क्षेत्र है। इस क्षेत्र में प्लेटों के टकराने और खिसकने से भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट आम हैं। जापान में हर साल सैकड़ों छोटे-बड़े भूकंप आते हैं।

तिब्बत में हाल ही में आया था विनाशकारी भूकंप

इस साल 7 जनवरी को तिब्बत के डिंगरी काउंटी में 7.1 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया था, जिसमें 126 लोगों की मौत हो गई थी और 188 लोग घायल हुए थे। इस भूकंप में हजारों इमारतें जमींदोज हो गई थीं और 30,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया था। यह घटना तिब्बत, नेपाल, भूटान और उत्तरी भारत में भी महसूस की गई थी।

जापान की भूकंप से निपटने की रणनीति

जापान ने भूकंप से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए अपनी तकनीकी दक्षता का पूरा उपयोग किया है।

  • भूकंप-रोधी इमारतें: जापान में इमारतों को भूकंप-रोधी तकनीकों से तैयार किया जाता है। इमारतों की नींव लचीली होती है, जिससे झटकों को सहने की क्षमता बढ़ जाती है।
  • भूकंप अलर्ट सिस्टम: जापान का आपातकालीन अलर्ट सिस्टम बेहद उन्नत है। भूकंप से कुछ सेकंड पहले ही चेतावनी जारी कर दी जाती है, जिससे लोगों को समय पर सतर्क होने का मौका मिलता है।
  • सुनामी बचाव योजनाएं: तटीय इलाकों में सुनामी से बचने के लिए ऊंचे स्थानों पर शरणस्थल बनाए गए हैं।

2004 का विनाशकारी भूकंप और सुनामी

साल 2004 में जापान के इतिहास में सबसे खौफनाक भूकंप और सुनामी देखी गई थी। उस घटना में हजारों लोगों की मौत हो गई थी और लाखों लोग बेघर हो गए थे। इसके बाद से जापान ने अपनी आपदा प्रबंधन प्रणाली को मजबूत किया है।

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