KNEWS DESK : ब्रिटेन की राजधानी लंदन में किंग चार्ल्स तृतीय का ताजपोशी का कार्यक्रम कल शनिवार को हुआ,कई देशों के विद्वान भी इस ताजपोशी में शामिल हुए, किंग चार्ल्स अपनी पत्नी और क्वीन कैमिला के साथ वेस्टमिंस्टर एबे पहुंचे, किंग चार्ल्स ने पिछले सितंबर में अपनी मां क्वीन एलिजाबेथ की मृत्यु के बाद ब्रिटेन के महाराजा की पद स्वीकार की थी,किंग चार्ल्स को वेस्टमिंस्टर एब्बे में पवित्र धार्मिक समारोह में यूनाइटेड किंगडम के राजा का ताज पहनाया गया, इस दौरान उन्होंने “न्याय और दया” के साथ यूनाइटेड किंगडम के लोगों पर शासन करने और एक ऐसे वातावरण को बढ़ावा देने की शपथ ली, इसके बाद किंग चार्ल्स ने बाइबल को चूमा, ये ताजपोशी की परम्परा लगभग एक हजार साल पुरानी परम्परा है
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी जी ने इस भव्य समारोह में किंग चार्ल्स और उनकी पत्नी क्वीन कैमिला को राज्यभिषेक की बधाई दी
राज्यभिषेक में देश विदेश के 2000 लोगों को शामिल किया गया था,जो ताज किंग चार्ल्स को पहनाया गया वो 17वीं सदी का सेंट एडवर्ड क्राउन है, जो सिर्फ़ गोल्ड से बना हुआ है,जिसका वजन लगभग ढाई किलो का होगा,यह ताज ऐसे किसी आम मौकों पर नहीं पहना जाता है,केवल राज्यभिषेक के दिन ही इस ताज को पहनने की अनुमति होती है,यह प्रतीकात्मक होता है, इसके बाद इसे संभाल कर रख दिया जाता है,क्वीन एलिजाबेथ की मौत के बाद किंग चार्ल्स को राजा घोषित कर दिया गया था,लेकिन औपचारिक रूप से ताजपोशी के बाद किंग चार्ल्स को ब्रिटेन, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा समेत 15 देशों के राजा बना दिया गया है
समारोह में उपस्थित उपराष्ट्रपति धनखड़ ने भारतीय छात्रों से बात चीत की,उन्होंने कहा कि, भारत को उनकी उपलब्धियों तथा प्रतिभा पर गर्व है और उन्होंने उनसे देश के सद्भावना दूतों की भूमिका निभाने का आह्वान किया,धनखड़ और उनकी पत्नी समारोह में राष्ट्रमंडल देशों के अन्य राष्ट्राध्यक्षों के साथ बैठे थे,धनखड़ ने कहा, आज महाराजा चार्ल्स तृतीय तथा महारानी कैमिला के राज्याभिषेक समारोह में उपस्थित होकर मुझे बहुत खुशी हो रही है,मै सभी भारतवासी की तरफ से ब्रिटेन के नए महाराजा और महारानी को हार्दिक बधाई देता हूं,और उम्मीद है कि ब्रिटेन के आने वाले वर्ष और मजबूत होंगे, एब्बे में दो घंटे तक चलने वाला समारोह चर्च की घंटियों की आवाज के साथ समाप्त हुआ