Knews Desk, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और उत्तराखंड प्रभारी कुमारी शैलजा ने कहा कि अधिकारियों की मनमानी और सरकार की गलत मंशा के कारण आयुष्मान भारत और चिरायु योजना गरीबों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। शुरुआत में कार्ड बनवाने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है और बाद में अस्पताल कार्ड से मरीजों का इलाज करने से मना कर देते हैं। हालांकि अस्पतालों को 15 दिन के अंदर भुगतान करने का प्रावधान है, लेकिन 6 माह बाद भी भुगतान नहीं किया जा रहा है। यदि भुगतान किया जाता है, तो उनमें 50 से 90 प्रतिशत तक की मनमानी कटौती शामिल होती है। ऐसे में सरकार भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन की बात कैसे कर सकती है?
मीडिया को जारी बयान में कुमारी शैलजा ने कहा कि हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार में मुफ्त इलाज प्रदेशवासियों के लिए मुसीबत बन गया है। पहले तो गरीबों को कार्ड बनवाने के लिए महीनों एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर भटकना पड़ता है और फिर इलाज के लिए अस्पतालों में परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर कोई इलाज करा भी लेता है तो सरकार भुगतान करने में काफी समय लगा देती है। अनुबंध के अनुसार, अस्पताल को मरीज की छुट्टी के 15 दिनों के भीतर भुगतान किया जाना चाहिए और किसी भी देरी में ब्याज भुगतान शामिल होना चाहिए।
हालाँकि, न कोई ब्याज नहीं दिया जा रहा है, बल्कि मूल राशि में भी मनमाने ढंग से कटौती की जा रही है। यही कारण है कि निजी अस्पताल कार्डधारकों का इलाज करने से कतरा रहे हैं। केंद्र सरकार अपने वादों में आयुष्मान भारत और चिरायु योजना का जिक्र करना नहीं भूलती, लेकिन इन योजनाओं को लागू करना पूरी तरह से भूल गई है। जनता के बीच यह आम चर्चा है कि भाजपा सरकार हर विभाग में घोटाले और धोखाधड़ी करने के तरीके ढूंढ लेती है। उन्होंने कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) पहले ही गंभीर आपत्ति जता चुका है।
आयुष्मान भारत और चिरायु योजना की देखरेख करने वाले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी 6 महीने तक के बिलों का भुगतान नहीं कर रहे हैं और जब करते हैं तो मनमाने ढंग से 50 से 90 प्रतिशत तक की कटौती कर देते हैं। इन योजनाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल सस्ते इलाज की गारंटी के तौर पर पेश कर रहे हैं, लेकिन अधिकारियों ने इस गारंटी को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है। इस बीच, आईएमए हरियाणा ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर समय पर बिलों का भुगतान और मनमानी कटौती बंद करना सुनिश्चित नहीं किया गया तो वे इन दोनों योजनाओं के तहत मरीजों का इलाज करना बंद कर देंगे। कुमारी सैलजा ने कहा कि चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार, दोनों महज वादों की सरकार बनकर रह गई हैं।
कुमारी शैलजा ने कहा कि अगर इन दोनों योजनाओं में पारदर्शिता नहीं लाई गई, तो निश्चित तौर पर निजी अस्पताल मरीजों का इलाज करना बंद कर देंगे और इसका सीधा असर जनता पर पड़ेगा।