लोकसभा के बाद हरियाणा में निकाय चुनाव की चर्चा ने पकड़ा जोर, चुनाव आयुक्त ने मई 2024 में लिखा था पत्र

Knews Desk, लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा में अब स्थानीय निकाय के चुनाव की चर्चा जोर पकड़ने लगी है। हरियाणा में कई निकाय ऐसे है, जिनका कार्यकाल खत्म हुए कई साल गुजर चुके है। इतना ही नहीं हरियाणा के चुनाव आयुक्त की ओर से इस बारे में 31 मई 2024 को प्रदेश सरकार को पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया। हालांकि लोकसभा चुनाव के परिणाम को देखते हुए नहीं लगता की प्रदेश सरकार निकाय चुनाव को लेकर कोई फैसला लेगी, क्योंकि सरकार के साथ फिलहाल सभी राजनीतिक दलों का ध्यान 3 महीने पश्चात होने वाले हरियाणा विधानसभा के चुनाव पर लगी है।

इन निकायों के होने हैं चुनाव

बता दें कि हरियाणा में कुल 35 स्थानीय निकायों के चुनाव होने है। इनमें 8 नगर निगम, चार नगर परिषद और 23 नगर पालिका शामिल है। इनमें केवल मानेसर नगर निगम के चुनाव जून 2026 में होने है। प्रदेश के शेष निकायों का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इनमें फरीदाबाद नगर निगम का कार्यकाल 12 फरवरी 2022 को खत्म हो चुका है, जबकि गुरुग्राम निगम का 2 नवंबर 2022, हिसार निगम का 8 जनवरी 2024, करनाल निगम का 3 जनवरी 2024, पानीपत और रोहतक निगम का 3 जनवरी 2024 और यमुनागर नगर निगम का कार्यकाल 6 जनवरी 2024 को पूरा हो चुका है।

इसके अलावा सिरसा नगर परिषद का कार्यकाल 19 अक्टूबर 2021, अंबाला सदर का 10 सितंबर 2020, थानेसर का 24 जुलाई 2021 और पटौदी जाटोली मंडी का कार्यकाल जून 2023 में पूरा हो चुका है। इसके अलावा 23 नगर पालिका का कार्यकाल भी पूरा हो चुका है, जिसमें बराड़ा, बवानीखेड़ा, लोहारू, सिवानी, फारुख नगर, आदमपुर, नारनौंद, बेरी, जुलाना, कलायत, सिवान, पुंडरी, इंद्री, नीलोखेड़ी, अटेली मंडी, कैनाना, तारू, हथीन, कलानौर, खरखोदा, कालांवाली, रादौर और जाखल मंडी की नगर पालिका शामिल है।

सरकार लेगी फैसला

राज्य चुनाव आयुक्त की ओर से मई 2024 में इस बारे में हरियाणा सरकार के सचिव को पत्र लिखे जाने के बावजूद सरकार के स्तर पर इस बारे में अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। चर्चा है कि लोकसभा चुनाव के परिणाम को देखते हुए फिलहाल लगता नहीं की सरकार इस समय में निकाय चुनाव करवाने का जोखिम लेगी।

तीन महीने बाद होंगे विधानसभा चुनाव

हरियाणा सरकार के पास फिलहाल 100 दिन का समय शेष बचा है। ऐसे में सत्तासीन पार्टी के अलावा हर दल की ओर से विधानसभा चुनाव को लेकर ही तैयारी की जा रही है। सरकार की ओर से भी जिस प्रकार के संकेत दिए जा रहे हैं, उससे यहीं लगता है कि सरकार भी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। ऐसे में देखना होगा कि क्या सरकार समय से निकाय के चुनाव करवाने को तैयार होती है या फिर विधानसभा के साथ ही निकाय चुनाव करवाती है या नई सरकार के गठन के बाद ही ये चुनाव हो पाएंगे?

6 महीने में करवाने होते हैं चुनाव

किसी भी इकाई का कार्यकाल खत्म होने के बाद 6 महीने के भीतर उसका गठन करवाना होता है। फिर वह चाहे स्थानीय निकाय हो या फिर विधानसभा। लेकिन यहां कई साल गुजर जाने पर भी स्थानीय निकाय के चुनाव नहीं करवाए जा रहे, जो कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का भी उल्लंघन है।

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