KNEWS DESK, अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए 31 दिसंबर 2024 का दिन खास होने वाला है। इस दिन ब्लैक मून की दुर्लभ खगोलीय घटना होगी। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
कल यानी 31 दिसंबर को ब्लैक मून की दुर्लभ खगोलीय घटना घटित होने वाली है। अमेरिका में यह रात में जबकि भारत, यूरोप और एशिया में यह 31 दिसंबर की सुबह 3:57 बजे घटित होगी। हालांकि खगोल विज्ञान में इसे आधिकारिक मान्यता नहीं दी गई है, फिर भी यह घटना वैज्ञानिकों और आमजन के बीच उत्सुकता का विषय बनी हुई है। बता दें कि ब्लैक मून तब होता है जब चंद्रमा धरती और सूर्य के बीच आ जाता है, जिससे चंद्रमा का चमकदार हिस्सा धरती से छिप जाता है। इस वजह से आसमान सामान्य से अधिक अंधकारमय हो जाता है। इसे नग्न आंखों से देखना संभव नहीं है, लेकिन इस दौरान तारे और अन्य ग्रह अधिक स्पष्ट दिखते हैं। ब्लैक मून के दौरान पूर्व दिशा में बृहस्पति और मंगल ग्रह की चमक बढ़ जाती है। वहीं, सूर्यास्त के तुरंत बाद पश्चिम में शुक्र और शनि ग्रह अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। यह घटना खगोलविदों को अन्य ग्रहों और तारा समूहों को अधिक स्पष्टता से देखने का मौका देती है।
ब्लैक मून के दौरान क्या बदलेगा?
ब्लैक मून की रात सामान्य से अधिक अंधेरी होती है क्योंकि चंद्रमा दिखाई नहीं देता। इस कारण दूर की आकाशगंगाएं और अन्य खगोलीय पिंड आसानी से देखे जा सकते हैं। इसे चंद्रमा के नए चक्र का आरंभ भी माना जाता है। चंद्रमा का चक्र औसतन 29.5 दिनों का होता है। कभी-कभी एक महीने में दो नए चंद्रमा होते हैं, जिसमें दूसरी घटना ब्लैक मून कहलाती है।
ब्लैक मून और ब्लू मून में अंतर
ब्लैक मून और ब्लू मून दोनों ही दुर्लभ खगोलीय घटनाएं हैं। ब्लू मून तब होता है जब एक महीने में दो पूर्ण चंद्रमा होते हैं। वहीं, ब्लैक मून में एक महीने में दो नए चंद्रमा होते हैं। दोनों घटनाएं खगोल विज्ञानियों के लिए गहन अध्ययन का विषय होती हैं।
अगला ब्लैक मून कब?
इस साल 30 और 31 दिसंबर को होने वाली घटना के बाद अगला ब्लैक मून 23 अगस्त 2025 को दिखाई देगा। इसके बाद 31 अगस्त 2027 को फिर से ब्लैक मून होगा। खगोलविद इस दौरान दूरबीनों की मदद से ग्रहों और तारों की स्थिति का गहराई से अध्ययन करते हैं।