KNEWS DESK – शरद पूर्णिमा, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे हर साल आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर, 2024 (बुधवार) को मनाई जाएगी। इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है, जिससे धरती पर अमृत की वर्षा होती है। इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है, और व्रत रखने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
शरद पूर्णिमा तिथि और समय
- पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 16 अक्टूबर, 2024, रात 08:41 बजे
- पूर्णिमा तिथि समाप्त: 17 अक्टूबर, 2024, शाम 04:53 बजे
- चंद्रोदय: 16 अक्टूबर, 2024, शाम 05:04 बजे
शरद पूर्णिमा के दिन क्या करें
- चंद्रमा को अर्घ्य दें: चंद्रमा को जल अर्पित करें और उसके साथ संबंधित मंत्रों का जाप करें।
- मां लक्ष्मी की पूजा: मां लक्ष्मी की पूजा करें और धन-धान्य की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें।
- दीपक जलाएं: घर में दीपक जलाएं, इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- मंत्रों का जाप: मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
- धार्मिक ग्रंथों का पाठ: धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें।
- दान करें: जरूरतमंदों को दान करें, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है।
शरद पूर्णिमा के दिन क्या न करें
- नकारात्मक विचार: मन में नकारात्मक विचार नहीं लाने चाहिए।
- झगड़ा: किसी से झगड़ा नहीं करना चाहिए।
- गुस्सा: गुस्सा नहीं करना चाहिए।
- असत्य बोलना: झूठ नहीं बोलना चाहिए।
विशेष ध्यान देने योग्य बातें
इस दिन तामसिक भोजन जैसे लहसुन और प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए। उपवास रखना अधिक लाभकारी होगा।
काले रंग का प्रयोग न करें और चमकदार सफेद रंग के वस्त्र धारण करें।
शरद पूर्णिमा की रात को चांदनी में रखी खीर खाने का विशेष महत्व है। यह माना जाता है कि चंद्रमा की किरणों से खीर में अमृत का रस घुल जाता है। खीर को कांच, मिट्टी या चांदी के पात्र में रखना चाहिए।
शरद पूर्णिमा का महत्व
इस दिन पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और चांदनी रात में रखी गई खीर खाने से स्वास्थ्य लाभ होता है। शरद पूर्णिमा आध्यात्मिक विकास के लिए एक अच्छा अवसर है, और इस दिन घर की साफ-सफाई करके दीपक जलाने से सुख-समृद्धि का वास बढ़ता है।