KNEWS DESK – रक्षाबंधन, भाई-बहन के रिश्ते की पवित्रता और प्रेम को दर्शाने वाला पर्व, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। प्रत्येक वर्ष सावन माह की पूर्णिमा तिथि पर मनाए जाने वाले इस त्योहार के दौरान बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र या राखी बांधती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं। इस पर्व से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं, जो इसे और भी विशेष बनाती हैं। आइए जानते हैं रक्षाबंधन से जुड़ी प्रमुख पौराणिक कथाएं:
रानी कर्णावती और सम्राट हुमायूँ की कथा
रक्षाबंधन की एक प्रमुख कथा मुगल काल से जुड़ी है। चित्तौड़ की रानी कर्णावती ने अपने राज्य की रक्षा के लिए सम्राट हुमायूँ को राखी के साथ एक पत्र भेजा और उसकी सुरक्षा का अनुरोध किया। हुमायूँ ने रानी की रक्षा की जिम्मेदारी स्वीकार की और इस प्रकार, यह त्योहार एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना के रूप में भी उभर कर सामने आया।
राजा बलि और माता लक्ष्मी की कथा
स्कंद पुराण, पद्म पुराण, और श्रीमद्भागवत पुराण में वर्णित कथा के अनुसार, राजा बलि ने भगवान विष्णु को तीन पग भूमि दान में दी। भगवान विष्णु ने दो पग में पूरी भूमि और आकाश नाप लिया और तीसरे पग के लिए राजा बलि ने अपना सिर आगे कर दिया। राजा बलि की दानवीरता से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उसे पाताल लोक का राजा बना दिया। माता लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधकर भगवान विष्णु को वचन मुक्त करने का अनुरोध किया, जिससे भगवान विष्णु वापस अपने धाम लौट सके।
द्रौपदी और श्रीकृष्ण की कथा
महाभारत में वर्णित कथा के अनुसार, जब भगवान श्रीकृष्ण ने राजा शिशुपाल का वध किया, तो उनकी उंगली से खून बहने लगा। द्रौपदी ने अपनी साड़ी से एक चीर फाड़कर भगवान श्रीकृष्ण की उंगली में बांध दी। इस चीर के बदले में श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को हर संकट से बचाने का वचन दिया। भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी के चीरहरण के समय उनकी रक्षा की और अपने वचन का मान रखा।
इंद्र और इंद्राणी की कथा
भविष्य पुराण में वर्णित कथा के अनुसार, देवताओं और असुरों के बीच युद्ध के दौरान असुर देवताओं पर भारी पड़ने लगे। घबराए हुए राजा इंद्र ने ऋषि बृहस्पति से सलाह ली। बृहस्पति देव ने सुझाव दिया कि इंद्र को अपनी पत्नी इंद्राणी से मंत्रों की शक्ति द्वारा एक पवित्र रेशम का धागा बंधवाना चाहिए। इस रक्षासूत्र के कारण इंद्र को युद्ध में विजय प्राप्त हुई।
रक्षाबंधन का त्योहार सिर्फ भाई-बहन के रिश्ते की मिठास और सुरक्षा की भावना को ही नहीं, बल्कि पौराणिक कथाओं के माध्यम से धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित करे हुए है।