KNEWS DESK – आज पूरे देश में नाग पंचमी का त्यौहार मनाया जा रहा है| सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को हर वर्ष नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है, साथ ही उत्तर भारत के कई जिलों में यह त्यौहार गुड़िया के रूप में मनाया जाता है और इस दिन गुड़िया पीटने का भी विधान है, जिसको लेकर अलग- अलग कथाएं भी प्रचलित हैं| आइये जानते है कि क्या है गुड़िया पीटने के पीछे की क्या है प्रचलित कथाएं ….
गुड़िया पीटने के पीछे पहली कथा
कहते है की तक्षक नाग के काटने से राजा परीक्षित की मत्यु हो गई थी| जिसके कुछ वर्षों के बाद तक्षक की चौथी पीढ़ी की कन्या का विवाह राजा परीक्षित की चौथी पीढ़ी से हुआ और विवाह के बाद उसने यह बात एक राज एक सेविका को बता दी| इस बात को उसने सेविका से किसी और को न बताने के लिए कही, लेकिन सेविका से रहा नहीं गया और उसने यह बात एक दूसरी सेविका को बता दी और धीरे-धीरे ये बात फैलते-फैलते पूरे नगर में फैल गई|
जब ये बात राजा तक्षक तक पहुंची तो उन्हें बहुत गुस्सा आ गया और उन्होंने नगर की सभी स्त्रियों को चौराहे पर इकट्ठा होने का आदेश दिया, जिसके बाद कोड़ों से पिटवाकर उन्हें मरवा दिया गया | राजा को इस बात का गुस्सा था कि औरतों के पेट में कोई बात नहीं पचती और इस वजह से उसकी पीढ़ी से जुड़ी अतीत की एक पुरानी बात पूरे राज्य में फैल गई | इन्हीं मान्यताओं के अनुसार, तभी से यहां गुड़िया पीटने की परंपरा की शुरुआत हुई जोकि अब तक चली आ रही है|
गुड़िया पीटने की दूसरी कथा
दूसरी कथा के अनुसार कहते है कि भोलेनाथ का एक परम भक्त हुआ करता था जो हर दिन शिव मंदिर में जाकर पूजा अर्चना किया करता था और नाग देवता के दर्शन करता था| वह हर दिन नाग देवता को दूध भी पिलाता था, धीरे-धीरे दोनों में मित्रता हो गई और नाग देवता को भक्त से इतना लगाव हो गया कि वो उसे देखते ही अपनी मणि छोड़ उसके पैरों में लिपट जाया करता था| ठीक इसी प्रकार एक दिन सावन के महीने में वो भक्त अपनी बहन के साथ उसी शिव मंदिर में आया हुआ था नाग हमेशा की तरह भक्त को देखते ही उसके पांव में लिपट गया| ये देख कर उसकी बहन भयभीत हो गई उसे यह लगा की सांप उसके भाई को काट रहा है| उसकी जान बचाने के लिए नाग को पीट कर मार डाला|
भाई ने जब यह देखा तो उसने पूरी कहानी बहन को बताई| भाई की बात सुनकर वह रोनें लगी| उस जगह मौजूद लोगों ने बताया कि नाग देवता के रूप में होते है और तुमने उन्हें ही मार दिया इसका दंड तुम्हें मिलना चाहिए | पर यह तुमसे अनजाने में हुआ है इसलिए भविष्य में आज के दिन लड़की की जगह पर गुड़िया को बना कर पीटा जायेगा| इस तरह नाग पंचमी के दिन गुड़िया की शुरुवात हुई|