Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति पर क्यों बनाई जाती है खिचड़ी, जानें इसके पीछे की प्राचीन धार्मिक परंपरा और धार्मिक महत्व….

KNEWS DESK – मकर संक्रांति, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण और पवित्र पर्व है, जो भगवान सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से स्नान और दान की परंपरा होती है, साथ ही खिचड़ी खाने की भी एक पुरानी परंपरा है। मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा, जब भगवान सूर्य सुबह 9:03 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन खिचड़ी बनाने और खाने के पीछे एक विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।

मकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाने की परंपरा का कारण

मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी बनाने और खाने की परंपरा का उल्लेख कई प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, खिचड़ी का संबंध भगवान सूर्य और शनि देव से जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने से घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है। यह पर्व खासतौर पर सूर्य देव और शनि देव की उपासना का अवसर भी है, और खिचड़ी इन दोनों देवताओं से जुड़ी हुई मानी जाती है।

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खिचड़ी क्यों है खास?

मकर संक्रांति पर खिचड़ी का सेवन खासतौर पर इसलिए किया जाता है क्योंकि यह पौष्टिक आहार माना जाता है। खिचड़ी में चावल, दाल और हरी सब्जियां मिलाकर बनाई जाती है, जो सर्दी में शरीर को गर्मी और ऊर्जा प्रदान करती है। इसके अलावा, खिचड़ी में विभिन्न पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को ताकत और ताजगी देते हैं। खासतौर पर सर्दियों में यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए एक आदर्श आहार होता है।

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खिचड़ी के धार्मिक महत्व को जानें

धार्मिक दृष्टिकोण से खिचड़ी में प्रयोग किए जाने वाले सभी अवयवों का विशेष महत्व है:

  1. चावल – चावल का संबंध चंद्रमा और शुक्र से जोड़ा जाता है, जो जीवन में सुख और समृद्धि लाने के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
  2. काली दाल – काली दाल का संबंध शनि, राहु और केतु से है, जो ग्रहों की शांति और उन्नति के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
  3. हल्दी – हल्दी का संबंध गुरु बृहस्पति से होता है, जो ज्ञान और समझ का प्रतीक है।
  4. हरी सब्जियां – हरी सब्जियों का संबंध बुध ग्रह से है, जो बुद्धिमत्ता और समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं।

जब खिचड़ी पकती है, तो उससे निकलने वाली गर्माहट का संबंध भगवान सूर्य और ग्रहों के सेनापति मंगल से बताया जाता है। इस प्रकार खिचड़ी का धार्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्व है और इसे सभी नवग्रहों से जोड़ा जाता है।

खिचड़ी का दान और उसका महत्व

मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी का दान करना भी विशेष रूप से शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खिचड़ी का दान करने से व्यक्ति को पुण्य मिलता है और उसके जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। इस दिन खिचड़ी का दान करना न केवल धार्मिक कर्तव्य है, बल्कि यह समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी है, जिससे हम दूसरों की मदद कर सकते हैं और पुण्य कमा सकते हैं।

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