KNEWS DESK, हिंदू धर्म में होलाष्टक की आठ दिनों की अवधि को अशुभ माना जाता है। यह अवधि फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होती है और होलिका दहन तक जारी रहती है। पंचांग के अनुसार, होलाष्टक की शुरुआत होली से आठ दिन पहले होती है। इस दौरान किसी भी प्रकार के शुभ कार्य करने से बचना चाहिए, क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस समय किए गए शुभ कामों का फल प्राप्त नहीं होता है।
होलाष्टक में नई चीजें खरीदना क्यों है अशुभ?
होलाष्टक की अवधि में नई चीजें खरीदना विशेष रूप से वर्जित माना गया है। हिंदू मान्यता के अनुसार, अगर इस दौरान किसी नई वस्तु की खरीदारी की जाती है, तो जीवन में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। विशेष रूप से नए कपड़े, नई गाड़ी, सोना, चांदी, घरेलू सामान, नया मकान, और यहां तक कि नए निवेश या लेन-देन भी इस समय न करने की सलाह दी जाती है।
इस समय में नकारात्मक ऊर्जा का वेग बहुत ज्यादा होता है, और अगर इस दौरान कोई नई चीज खरीदी जाती है तो यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकती है। इसके कारण आर्थिक संकट, स्वास्थ्य समस्याएं या अन्य जीवन में दिक्कतें आ सकती हैं। यही कारण है कि इस समय में नई चीजों की खरीदारी से बचने की सलाह दी जाती है।
होलाष्टक में न खरीदें ये चीजें:
- नए कपड़े – होलाष्टक के दौरान नए कपड़े खरीदने से बचें।
- नई गाड़ी – नई गाड़ी की खरीदारी इस समय अशुभ मानी जाती है।
- सोना और चांदी – इस दौरान सोने और चांदी का लेन-देन न करें।
- घरेलू सामान – नए घरेलू सामान की खरीदारी भी वर्जित है।
- नया मकान – नया मकान न खरीदें और न ही इसका निर्माण कराएं।
होलाष्टक के दौरान अन्य वर्जित कार्य
इसके अलावा, होलाष्टक की अवधि में यज्ञ, हवन या अन्य धार्मिक अनुष्ठान करवाना भी वर्जित माना जाता है। हालांकि, इस दौरान नियमित पूजा की जा सकती है।
इस साल कब से शुरू होगा होलाष्टक?
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल होलाष्टक 7 मार्च से शुरू होगा, क्योंकि यह फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से आरंभ हो रहा है। इसका समापन 13 मार्च को होगा, जब होलिका दहन किया जाएगा। उसके बाद 14 मार्च को होली का त्यौहार मनाया जाएगा।
क्या करें होलाष्टक के दौरान?
होलाष्टक के दौरान दान करना विशेष फलदायी माना जाता है। यह घर में सुख-समृद्धि लाने का एक उपाय माना जाता है। इसके साथ-साथ हनुमान चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी करें, क्योंकि ऐसा करने से जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है। इसके अलावा, लड्डू गोपाल का पूजन और उनके गोपाल सहस्त्रनाम का पाठ भी इस दौरान लाभकारी माना जाता है।
होलाष्टक की अवधि में अगर आप नई चीजों की खरीदारी करते हैं तो जीवन में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस समय वर्जित कार्यों से बचना और धार्मिक कार्यों में ध्यान लगाना बेहतर होता है। इससे आप न केवल नकारात्मक ऊर्जा से बच सकते हैं, बल्कि अपने जीवन में सुख और समृद्धि भी ला सकते हैं।