KNEWS DESK – दिवाली से पहले मनाया जाने वाला पर्व धनतेरस इस वर्ष खास महत्व रखता है। 2024 में धनतेरस के दिन कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है, जिनमें त्रिग्रही योग, त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग, लक्ष्मी-नारायण योग, शश महापुरुष राजयोग, धाता योग, और सौम्य योग शामिल हैं। ये सभी योग धनतेरस के महत्व को और बढ़ाते हैं।
इस दिन लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, कौरी, कमलगट्टा, धनिया, हल्दी गांठ, मिट्टी के बर्तन, सोना, चांदी, पीतल, तांबा, कांसा, स्टील और अष्टधातु के बर्तन, वस्त्र, सजावटी वस्तुएं, भूमि-भवन, वाहन आदि की खरीदारी शुभ मानी जाती है।
दुर्लभ शुभ संयोग
ज्योतिष के अनुसार, इस साल 100 साल बाद दुर्लभ शुभ संयोगों के बीच धनतेरस का पर्व पड़ रहा है। धनतेरस के दिन वृश्चिक राशि में शुक्र और बुध की युति से लक्ष्मी-नारायण योग का निर्माण होगा। बुध के गोचर से धनलक्ष्मी योग बनेगा, जो जीवन में धन और समृद्धि लाने वाला माना जाता है।
शुभ योगों का समय
पंचांग के अनुसार, इंद्र योग 28 अक्टूबर को सुबह 6:47 बजे से 29 अक्टूबर को सुबह 7:48 बजे तक रहेगा। त्रिपुष्कर योग 28 अक्टूबर को सुबह 6:51 बजे से 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 बजे तक सक्रिय रहेगा।
पूजन विधि
धनतेरस के दिन शाम को कुबेर देव और माता लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। उसके बाद धन्वंतरि देवता, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता के सामने घी का दीपक जलाकर उनकी पूजा करें और आरती उतारें। दीपक जलाने के बाद उन्हें फल और फूल चढ़ाएं, और उनका प्रिय भोग लगाकर प्रसाद के रूप में परिवार के सदस्यों को बांटें।
धनतेरस का विशेष महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस के दिन सोना और चांदी के आभूषण खरीदना बेहद शुभ माना जाता है, जिससे घर में बरकत और खुशहाली बनी रहती है। इसे मां लक्ष्मी के चरणों को घर में लाने के समान माना जाता है, जिससे देवी प्रसन्न होती हैं। इसके अलावा, खड़ा धनिया खरीदने से भी व्यापार में धन लाभ के योग बनते हैं।
पुराणों के अनुसार, धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से भी घर में बरकत होती है, क्योंकि झाड़ू को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति खरीदना भी अत्यंत शुभ होता है, जिससे परिवार में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है।