KNEWS DESK –नरक चतुर्दशी को छोटी दीपावली भी कहते हैं। भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी और दुराचारी नरकासुर का वध किया था और सोलह सहस्र एक सौ कन्याओं को नरकासुर के बंदी गृह से मुक्त कर उन्हें सम्मान प्रदान किया था। इस उपलक्ष में दीयों की बारत सजायी जाती है। इस दिन हर किसी को घर की नाली पर कम से कम एक दिया जरूर जलाना चाहिए| आपको नालियों पर दीए जलाने के पीछे की वजह बताते हैं|
यह जरुर जलाएं दीया
नरक चतुर्दशी के दिन नालियों पर दीए जलाने के बारे में। नरक चर्तुदशी के दिन हर किसी को घर की नाली पर कम से कम एक दिया जरूर जलाना चाहिए । आज के दिन नालियों पर दीये जलाने की यह व्यवस्था हमें सिखाती हैं कि घर की और आस-पास की सभी नालियां हमेशा साफ-सुथरी रहनी चाहिए और जल की निकासी कभी भी रुकनी नहीं चाहिए, क्योंकि घर की नालियों की स्थिति का सीधा संबंध घर की आर्थिक स्थिति से होता है। अगर घर की नालियां जाम हो जाये तो घर की आमदनी भी रुक जाती है।
जहां नालियां जाम हैं, वहां पीछे से सप्लाई ऑटोमैटिक बंद हो जाती है और पानी का संबंध वरुण देव से है और वरुण का संबंध धन से है, इसीलिए वरुण के निवास समुद्र को रत्नाकर कहा जाता है। लिहाजा घर की नालियां साफ होनी चाहिए, घर का कूड़ा-करकट बाहर होना चाहिए और नालियों पर दीपक जलाएं जाने चाहिए, तभी घर में धन का फ्लो बढ़ेगा। तो आज के दिन नालियों पर दीया तो जलाना ही है, साथ ही नालियों की साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखना जरूरी है।
नरक चतुर्दशी
कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। इस साल नरक चतुर्दशी 11 नवंबर को है। इसे रूप चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। नरक चतुर्दशी के दिन शाम के समय नरकासुर के निमित्त चार दीपक जलाने की परंपरा है। ये दीपक दक्षिण दिशा में जलाना चाहिए। भविष्योत्तर पुराण के अनुसार ब्रह्मा, विष्णु और शिव आदि देवी-देवताओं के मंदिरों में, मठों में, अस्त्रागारों में, यानि जहां पर अस्त्र आदि रखे जाते हों, बाग-बगीचों में, घर के आंगन में और नदियों के पास दीपक जलाने चाहिए। लिहाजा अपने जीवन में ऊर्जा के साथ ही नयी रोशनी का संचार करने के लिए आस-पास इन सभी जगहों पर दीपक जरूर जलाएं।