KNEWS DESK – ‘कौन बनेगा करोड़पति’ (केबीसी) का मंच एक बार फिर से इंस्पायरिंग कहानियों का गवाह बना। इस बार मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के असाड़ी गांव से आने वाले बंटी वाडिवा ने अपनी अद्भुत यात्रा से हर किसी का दिल जीत लिया। जेब में मात्र 260 रुपये लेकर मुंबई पहुंचे बंटी ने न सिर्फ केबीसी के हॉट सीट तक का सफर तय किया, बल्कि 50 लाख रुपये की राशि जीतकर अपने गांव और परिवार के लिए गर्व की वजह भी बने।
केबीसी 16 का पहला आदिवासी प्रतिभागी
बंटी वाडिवा का केबीसी 16 के मंच पर पहुंचना खुद में एक ऐतिहासिक पल था, क्योंकि वह इस सीज़न के पहले आदिवासी प्रतिभागी बने। बंटी का संघर्ष और मेहनत 2019 से केबीसी में आने की तैयारी का हिस्सा रही, और आखिरकार वह दिन आया जब उनकी मेहनत रंग लाई। अमिताभ बच्चन के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने अपनी ज़िंदगी के कई दिलचस्प पहलुओं को साझा किया, जिसमें उनके कठिन संघर्ष और उम्मीदों का जिक्र था।
1 करोड़ के सवाल पर अटके बंटी
बंटी ने 50 लाख रुपये तक के सवालों के जवाब बड़े आत्मविश्वास के साथ दिए, लेकिन 1 करोड़ के सवाल पर आकर वह थोड़े असमंजस में पड़ गए। सवाल था:
“1948 में, बंगाली मूर्तिकार चिंतामोनी कर ने ‘द स्टैग’ नामक एक कलाकृति के लिए इनमें से क्या जीता था?”
विकल्प थे: A. पाइथागॉरस पुरस्कार
B. नोबेल पुरस्कार
C. ओलंपिक पदक
D. ऑस्कर अवार्ड
इस सवाल पर बंटी कंफ्यूज हो गए और उनका मन बार-बार विकल्प A की ओर जा रहा था। लेकिन सही जवाब था C. ओलंपिक पदक, और बंटी ने शो को क्विट करने का फैसला लिया।
जीत की खुशी और सपनों की उड़ान
हालांकि बंटी 1 करोड़ रुपये नहीं जीत पाए, फिर भी उन्होंने 50 लाख रुपये की राशि अपने नाम की। यह जीत उनके लिए बहुत बड़ी उपलब्धि थी, क्योंकि वह अपने परिवार के लिए एक पक्का घर बनाना चाहते हैं। अभी बंटी अपने माता-पिता, छोटे भाई और बहन के साथ खपरैल की छत वाले घर में रहते हैं।
बंटी वाडिवा की यह कहानी न सिर्फ संघर्ष की मिसाल है, बल्कि यह बताती है कि मेहनत और लगन से कोई भी सपना साकार हो सकता है।