डॉ. मनमोहन सिंह के आर्थिक सुधारों से फिल्म इंडस्ट्री को मिली नई दिशा, ग्लोबल हुआ इंडियन सिनेमा

KNEWS DESK –  भारत के 13वें प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, जिन्हें उनकी आर्थिक नीतियों और दूरदर्शी दृष्टिकोण के लिए याद किया जाता है, ने न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को बदलने का काम किया बल्कि उनके नेतृत्व में भारतीय फिल्म इंडस्ट्री और मीडिया सेक्टर को भी नई ऊंचाइयां मिलीं। 1991 में बतौर वित्त मंत्री उनके द्वारा किए गए आर्थिक सुधारों ने देश में ग्लोबलाइजेशन और उदारीकरण की नींव रखी, जिसने भारतीय सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने में मदद की।

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फिल्म इंडस्ट्री को कैसे मिला मनमोहन सिंह का समर्थन?

प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सीईओ नितिन तेज आहूजा के अनुसार, 1991 में शुरू किए गए ‘बिग बैंग इकोनॉमिक रिफॉर्म्स’ का सीधा असर भारतीय फिल्म इंडस्ट्री पर पड़ा। विदेशी निवेश के लिए दरवाजे खोलने और आयात पर लगे प्रतिबंध हटाने से इंडस्ट्री को बड़ा सहारा मिला।

  • मल्टीप्लेक्स कल्चर की शुरुआत:
    मनमोहन सिंह के सुधारों के बाद देश में मल्टीप्लेक्स की शुरुआत हुई, जिसने सिंगल-स्क्रीन थिएटर्स से आगे बढ़कर दर्शकों को नई सुविधाएं दीं।
  • विदेशी स्टूडियो का निवेश:
    उनके आर्थिक नीतियों के चलते फॉक्स स्टार, डिज्नी, और वार्नर ब्रदर्स जैसे विदेशी स्टूडियो भारतीय सिनेमा में निवेश करने लगे।
  • रीजनल सिनेमा को बढ़ावा:
    क्षेत्रीय सिनेमा को भी इन सुधारों का फायदा मिला। आज साउथ इंडियन सिनेमा बॉलीवुड से भी बड़ा बन चुका है, जिसकी नींव मनमोहन सिंह के सुधारों ने रखी।

1991 के बाद भारतीय सिनेमा का बदलता चेहरा

सीनियर जर्नलिस्ट चैतन्य पडुकोण के अनुसार, 1991 के पहले तक भारतीय फिल्में सीमित दर्शकों तक सीमित थीं।

  • 1989 में आई सलमान खान की ‘मैंने प्यार किया’ ने 28 करोड़ का कारोबार किया था।
  • वहीं, 1994 में रिलीज हुई शाहरुख खान और काजोल स्टारर ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ ने 123 करोड़ का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया।
    यह बदलाव केवल फिल्मों के कंटेंट का नहीं, बल्कि डॉ. सिंह द्वारा लाई गई नीतियों के कारण मुमकिन हो सका।

दिलीप कुमार के बड़े प्रशंसक थे मनमोहन सिंह

मनमोहन सिंह भले ही खुद को ग्लैमर और फिल्मी माहौल से दूर रखते थे, लेकिन उनका दिलीप कुमार के प्रति विशेष लगाव था।

  • जब 2021 में दिलीप कुमार का निधन हुआ, तो उन्होंने सायरा बानो को पत्र लिखते हुए लिखा,

    “हमने भारतीय सिनेमा के पहले ‘खान’ और ‘ट्रेजडी किंग’ को खो दिया।”
    इससे यह साफ होता है कि सादगीपूर्ण जीवन जीने वाले मनमोहन सिंह का सिनेमा और खासकर दिलीप कुमार के प्रति एक विशेष सम्मान था।

डॉ. मनमोहन सिंह की फिल्मी पसंद

डॉ. मनमोहन सिंह ने कभी सार्वजनिक रूप से अपनी फिल्मी पसंद का खुलासा नहीं किया, लेकिन कुछ जानकारों का कहना है कि उन्हें गंभीर और सोचने पर मजबूर करने वाली फिल्में पसंद थीं।

  • ‘गांधी’,
  • ‘मदर इंडिया’, और
  • ‘द ब्रिज ऑन रिवर क्वाई’
    जैसी क्लासिक फिल्में उनकी फेवरेट लिस्ट में थीं।

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