2024 में विदेशों से भारत आई रिकॉर्ड रेमिटेंस, आरबीआई ने जारी की रिपोर्ट

KNEWS DESK-  भारतीय प्रवासी समुदाय का भारत की अर्थव्यवस्था में योगदान लगातार बढ़ता जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में विदेशों से भारत को रिकॉर्ड 129.4 बिलियन डॉलर की रेमिटेंस प्राप्त हुई है। इस आंकड़े ने पिछले सभी रिकॉर्ड्स को तोड़ दिया है, जिसमें अकेले दिसंबर तिमाही में 36 बिलियन डॉलर का योगदान रहा है।

आरबीआई के बैलेंस ऑफ पेमेंट्स डेटा एनालिसिस के मुताबिक, कोरोना महामारी के बाद से प्रवासी समुदाय के वित्तीय योगदान में 63 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। वर्ल्ड बैंक के एक ब्लॉग के अनुसार, कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) के उच्च आय वाले देशों में नौकरी के बाजारों में सुधार रेमिटेंस में वृद्धि का प्रमुख कारण रहा है।

रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि भारत से विदेशों में जाने वाले प्रवासी भारतीयों की संख्या 1990 में 6.6 मिलियन से बढ़कर 2024 में 18.5 मिलियन हो गई है। यह आंकड़ा यह दर्शाता है कि भारतीय प्रवासी समुदाय का वैश्विक स्तर पर विस्तार लगातार हो रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में लगभग आधे भारतीय प्रवासी खाड़ी देशों में निवास करते हैं, जैसे कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सऊदी अरब, कतर, कुवैत, ओमान और बहरीन। इन देशों से भारत को भेजे गए कुल रेमिटेंस का करीब 38 प्रतिशत हिस्सा आता है, जो लगभग 45 बिलियन डॉलर के बराबर है।

विशेष रूप से, संयुक्त अरब अमीरात रेमिटेंस के मामले में सबसे आगे है। 2020-21 में भारत को भेजे गए कुल रेमिटेंस में यूएई की हिस्सेदारी 18 प्रतिशत थी, जो 2023-24 में बढ़कर 19.2 प्रतिशत हो गई है।

खाड़ी देशों में रहने वाले भारतीय विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हैं। इनमें निर्माण कार्य (कंस्ट्रक्शन), स्वास्थ्य सेवा (हेल्थकेयर), निर्माण उद्योग (मैन्युफैक्चरिंग), परिवहन (ट्रांसपोर्ट) और आतिथ्य उद्योग (हॉस्पिटैलिटी) शामिल हैं।

यहां पर काम करने वाले भारतीयों में राजमिस्त्री, कारपेंटर, पाइपफिटर जैसे कुशल श्रमिकों के साथ-साथ डॉक्टर, नर्स, इंजीनियर और आईटी प्रोफेशनल्स भी शामिल हैं। इन क्षेत्रों में काम करने वाले लाखों भारतीयों की मेहनत और समर्पण ही है जिसके कारण खाड़ी देशों से भारत को इतनी अधिक रेमिटेंस मिलती है।

इन रेमिटेंस का भारत की अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। यह न केवल विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करता है, बल्कि देश के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देता है। प्रवासी भारतीयों द्वारा भेजे गए पैसे से परिवारों की जीवन स्तर में सुधार होता है और विभिन्न विकास परियोजनाओं को समर्थन मिलता है।

अंत में, आरबीआई की रिपोर्ट भारत के प्रवासी समुदाय के महत्व को फिर से उजागर करती है और वैश्विक स्तर पर भारतीय प्रवासी समुदाय के योगदान को स्वीकार करती है। यह आंकड़े यह भी साबित करते हैं कि भारतीय प्रवासी दुनिया के सबसे प्रभावशाली और आर्थिक रूप से सशक्त समुदायों में से एक हैं।

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