उत्तराखण्ड- बीतें दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नकल रोधी अध्यादेश को राजभवन भेजा था जिसे राजभवन से मंजूरी मिलने के बाद लागू कर दिया गया था। उत्तराखण्ड में लगातार हो रही भर्ती परीक्षाओें में हो रही धांधली के चलते और युवाओं के भविष्य को बचाने के लिए इस सख्त नकल रोधी कानून को लाया गया। जहां इस कानून के आने से युवाओं के भविष्य से हो रहे खिलवाड़ को रोका जाएगा। वहीं इस नकल रोधी कानून से स्कूली छात्र व विश्वविधालय के छात्र इस भ्रम में बने हुए हैं कि कहीं ये नकल रोधी कठोर कानून उनके लिए लागू तो नहीं होने वाला। हालांकि नकल करना किसी भी स्तर की परीक्षा के लिए ठीक नहीं है फिर भी इस संम्बन्ध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि नकल रोधी कानून को केवल सरकारी पदों पर होने वाली भर्ती परीक्षाओं के लिए में पेपर लीक व किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए बनाया गया है। इसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से बातचीत के दौरान यह भी कहा कि इस संम्बन्ध में किसी भी प्रकार का भ्रम नहीं फैलाया जाना चाहिए। बावजूद इसके अगर कोई भी इस नकल विरोधी कानून पर भ्रम फैलाता हुआ पाया गया तो उस पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों को इस प्रकार की किसी भी अफवाफ पर विश्वास नहीं करना चाहिए। सरकार और आयोग ने इसे लेकर पुख्ता इंतजाम किये हैं। कड़ी सुरक्षा के बीच परीक्षाओं को कराया जा रहा है.