काबुल एयरपोर्ट के गेट पर लगातार फायरिंग और ब्लास्ट की खबरें आ रही हैं। इससे पहले गुरुवार को हुए आत्मघाती हमलों में 170 लोगों की मौत की खबर आई थी इसमें 13 अमेरिकी सैनिक भी मारे गए थे। अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत के बीच काबुल एयरपोर्ट पर एक और आतंकी हमले का अलर्ट अमेरिका ने दिया था। अमेरिका ने अपने नागरिकों से कहा है कि वे काबुल एयरपोर्ट से तुरंत हट जाएं, क्योंकि वहां ISIS फिर से हमला कर सकता है। अमेरिकी दूतावास की तरफ से जारी किए गए अलर्ट में काबुल एयरपोर्ट के अब्बे गेट, ईस्ट गेट और नॉर्थ गेट का खास तौर से जिक्र किया गया है। तालिबान लगातार अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देता आ रहा है जिससे उसका वास्तविक चेहरा सामने आ गया है। तालिबान ने 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का फरमान सुनाकर अमेरिका को सीधी चुनौती दी है और इसके बाद गुरुवार को सीरियल ब्लास्ट के जरिए उसने अपने मंसूबों को जाहिर भी कर दिया। अमेरिकी सैनिकों के मारे जाने के बाद हालांकि अमेरिका ने दो एयर स्ट्राइक कर तालिबान कमाण्डर और खुरासन आतंकियों के मारे जाने का दावा कर बदला लिए जाने की जानकारी दुनिया को दी लेकिन 31 अगस्त को लेकर दुनिया की निगाहें काबुल और पूरे अफगानिस्तान पर तालिबानी फरमान को लेकर टिकी हैं।
तालिबान ISIS के खौफ के बीच बड़ा खुलासा
अफगानिस्तान में तालिबान और ISIS के खौफ के बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के दहशतगर्दों ने कुछ दिन पहले कंधार जाकर तालिबान के नेताओं से मुलाकात की है। इस दौरान जैश-ए-मोहम्मद ने भारत में अपनी गतिविधियां चलाने के लिए तालिबान की मदद मांगी है। ये इनपुट भी मिले हैं कि पाकिस्तान से निकले दो आतंकी श्रीनगर में ग्रेनेड हमला करने की साजिश रच रहे हैं, इसलिए सभी सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की राष्ट्रीय सुरक्षा टीम ने चेतावनी दी है कि अमेरिकी सैनिकों के काबुल छोड़ने से पहले आतंकी हमला कर सकते हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सेकेट्री जेन साकी ने कहा है कि काबुल एयरपोर्ट पर सुरक्षा के हर संभव इंतजाम किए जा रहे हैं। तमाम खतरों के बीच हमारे सैनिक लोगों को निकालने के मिशन में जुटे हैं, लेकिन इस मिशन के अगले कुछ दिन सबसे खतरनाक रहेंगे।
अमेरिका ने भी दिया माकूल जवाब
इसी बीच अमेरिका ने अफगानिस्तान में ISIS-खुरासान (ISIS-K) ग्रुप के ठिकानों पर ड्रोन से हमला किया। ये हमला अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत और काबुल एयरपोर्ट से तीन किलोमीटर की दूरी पर किया गया। नंगरहार प्रान्त पाकिस्तानी सीमा से लगा हुआ है और ISIS का गढ़ माना जाता है। यहां अमेरिकी हमले में काबुल धमाकों का मास्टरमाइंड मारा गया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक अमेरिकी ड्रोन ने मध्य-पूर्व की किसी अज्ञात लोकेशन से उड़ान भरी और ISIS-K के आतंकी को उस वक्त निशाना बनाया जब वह अपने दूसरे सहयोगी के साथ कार में सवार था, ये दोनों अमेरिकी हमले में मारे गए हैं। इसके अलावा एयरपोर्ट के पास किए गए मिसाइल हमले में खुरासन ग्रुप के दो आतंकियों को मारे जाने की पेंटागन ने पुष्टि की थी और यहां पर बड़े जखीरे को भी तबाह करने का दावा किया था। पेंटागन ने कहा था कि ये जखीरा और अधिक ब्लास्ट करने के लिए इकठ्ठा किया गया था जिसे नष्ट कर दिया गया।
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप का बयान
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन की अफगान नीति की आलोचना करते हुए कहा था कि अमेरिका को जितनी बुरे हालात में डाला जा सकता था, वह उतनी खराब हालत में है। जंग के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान में 15 अगस्त को सत्ता अपने हाथों में ले ली थी। ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा, “हम जितने बुरे हालात में हो सकते थे, उतनी ही खराब हालत में हैं, हम ऐसे हालात में होंगे जहां तालिबान और बाकी लोग हमें हिदायत दे रहे होंगे और हमसे कहेंगे कि 31 अगस्त को निकल जाओ.” उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि बाइडन वहां टिकने की हिमायत में थे लेकिन उन्होंने कहा कि हम तुम्हें आकर जाने नहीं देंगे, इसके नतीजे भुगतने होंगे। आपने सही सुना। यह तालिबान के नेता ने कहा था। हम चाहते हैं कि आप 31 तक निकल जाएं, अन्यथा परिणाम भुगतने होंगे। यह क्या माजरा है?” ट्रंप ने कहा कि सैन्य रणनीति के नजरिये से अमेरिका के साथ यह सबसे शर्मनाक घटना है।
31 अगस्त तक का अल्टीमेटम
तालिबान ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि वह 31 अगस्त तक अफगानिस्तान और खासकर काबुल को छोड़ दे और अपने सैनिक हटा ले वरना अंजाम ठीक नहीं होगा। अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी में जब तालिबान लगातार क्रूर वारदातें करने से बाज नहीं आ रहा तो फिर 31 अगस्त के बाद जब अमेरिकी सेनाएं यहां से रुखसत हो जाएंगी तब तालिबान कितना क्रूर होगा इसका अन्दाजा आसानी से लगाया जा सकता है।