SPORTS DESK, कोच राहुल द्रविड़ से बातचीत में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने कहा कि “अहमदाबाद की पिच पर बल्लेबाजी करना आसान था।” हालांकि, कोहली ने साथ ही ऑस्ट्रेलियाई टीम की इसे मुश्किल बनाने के लिए सराहना भी की। वीडियो की शुरुआत में राहुल द्रविड़ ने यह कहकर कोहली की चुटकी ली कि उन्हें ड्रेसिंग रूम से उनका टेस्ट शतक देखने के लिए 16 महीने इंतजार करना पड़ा।
राहुल द्रविड़ ने कहा, “जब से मैं कोच बना, आपने मुझे लंबे समय तक इंतजार कराया। लेकिन आपने जिस तरह से अपनी पारी खेली, उसे देखना बहुत अच्छा रहा। यह पूछे जाने पर कि उनकी मानसिकता क्या थी और उन्होंने 186 रन की मैराथन पारी के दौरान खुद को कैसे तैयार किया, कोहली ने स्वीकार किया कि यह बल्लेबाजी के लिए अच्छी पिच थी।”
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A special post series-win chat with #TeamIndia Head Coach Rahul Dravid & @imVkohli at the Narendra Modi Stadium, Ahmedabad ? ? – By @RajalArora
FULL INTERVIEW ? #INDvAUShttps://t.co/nF0XfltRg2 pic.twitter.com/iHU1jZ1CKG
— BCCI (@BCCI) March 14, 2023
कोहली ने यह भी बताया कि डिफेंस उनके सबसे मजबूत पक्ष में से एक क्यों है। इससे उन्हें टेस्ट क्रिकेट में एक बड़ी पारी खेलने में कैसे मदद मिली। कोहली ने कहा, डिफेंस मेरा सबसे मजबूत बिंदु है, क्योंकि जब मैं अच्छी तरह से डिफेंस करता हूं तो मुझे पता होता है कि जब गेंद ढीली होगी तो वह हिट की जानी चाहिए तो मैं इसका फायदा उठा सकता हूं और अपनी जरूरत के हिसाब से रन बना सकता हूं।
अहमदाबाद में बाउंड्री लगाना आसान नहीं था: विराट कोहली
विराट कोहली ने कहा, “ईमानदारी से कहूं तो बाउंड्री लगाना आसान नहीं था। आउटफील्ड धीमी थी, बॉल सॉफ्ट थी और वे बिल्कुल अटल थे। इस चीज ने मुझे वास्तव में शांत किया, क्योंकि मैं सिर्फ एक और दो रन बनाकर और शतक बनाकर खुश हूं। कोहली ने 241 गेंदों पर पांच चौकों की मदद से अपना 75वां इंटरनेशनल शतक पूरा किया। गेंदों का सामना करने के मामले में यह कोहली का दूसरा सबसे धीमा टेस्ट शतक था। इतने लंबे समय तक बल्लेबाजी करने में सक्षम होने के लिए कोहली अपनी फिटनेस का श्रेय देते हैं।”
यह एक दिन की मेहनत नहीं, निरंतर तैयारी का नतीजा: विराट कोहली
अपनी पारी के दौरान विराट कोहली एक समय 162 गेंदें खेले चुके थे, लेकिन उनके बल्ले से एक भी बाउंड्री नहीं निकली थी, लेकिन पूर्व भारतीय कप्तान जरा भी हताश नहीं थे। उन्होंने कहा कि वह एक सत्र में एक भी चौका नहीं लगाने के बावजूद खुश हैं।
कोहली ने कहा,”मैं एक सत्र में बिना चौका लगाए 30 रन बनाकर बहुत खुश हूं और बिल्कुल हताश नहीं हूं क्योंकि मुझे पता है कि बाउंड्रीज आएंगी। अगर मुझे इस तरह खेलना है तो भी मैं छह सत्रों तक बल्लेबाजी कर सकता हूं और 150 बना सकता हूं। मुझे ऐसा करने में कोई समस्या नहीं है।”
उन्होंने कहा, “बस तैयारी रंग लाई और यह एक निरंतर प्रक्रिया है और यह ऐसा कुछ नहीं है जो आप दो महीने और तीन महीने से करते हैं, मैं इसे अपने जीवन के हर दिन सात-आठ साल से लगातार कर रहा हूं।”