उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से भी मिला अडानी ग्रुप को तगड़ा झटका

कानपुर – उत्तर प्रदेश सरकार डिस्कॉम मध्यांचल, दक्षिणांचल, पूर्वांचल और पश्चिमांचल सहित पूरे राज्य में करीब 2.5 करोड़ प्रीपेट स्मार्ट मीटर लगने की योजना पर काम कर रही है। लेकिन अब मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने अडानी ग्रुप को इससे बाहर कर दिया गया है।

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद से अडानी समूह आर्थिक मोर्चे पर लगातार चुनौतियों का समाना कर रहा है। वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाने के बाद अमेरिका के डाउ जोंस सस्टेनिबिलिटी इंडेक्स से अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर को बाहर कर दिया गया था।

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी समूह के शेयरों की कीमतों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। गौतम अडानी विश्व के सबसे अमीर आदमियों में से एक थे मगर अब वो टॉप 30 से भी बाहर हो चुके है बात दें कि अब तक अडानी को अरबों डॉलर का नुकसान हो चुका है। उनकी आधे से ज्यादा संपत्ति अचानक ही खत्म हो गई है। अडानी को एक नया झटका उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से लगा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, “उत्तर प्रदेश सरकार की इकाई मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने अडानी समूह का लगभग लगभग 5,400 करोड़ रुपये का टेंडर रद्ध कर दिया है। यह टेंडर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने को लेकर था।”

टेंडर के मुताबिक,अडानी ग्रुप को मध्यांचल में 72 लाख स्मार्ट मीटर की आपूर्ति करनी थी। लेकिन टेंडर की दर अनुमानित लागत से करीब 48 से 65 प्रतिशत अधिक होने की वजह से इसका विरोध किया जा तरह था।

अडानी ने 10,000 रुपये प्रति स्मार्ट मीटर की कीमत बताई थी, जो टेंडर में सबसे कम थी। लेकिन रूरल  इलेक्ट्रिफिकेशन  कॉरपोरेशन के स्टैंडिंग बिलिंग गाइडलाइन के तहत 6,000 रुपये प्रति मीटर की लागत को देखते हुए इसे कथित तौर पर ज्यादा माना गया था।

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम को स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग के लिए एडवांस मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विस प्रोवाइडर चाहिए था|  जिसके लिए ई-टेंडर निकाला गया था। मैसर्स अदानी पावर ट्रांसमिशन के अलावा जीएमआर, एलएंडटी और इंटेलिस्मार्ट इंफ्रा ने भी बोली लगाई। लेकिन टेंडर मिलता है अडानी को। लेकिन 4 फरवरी को MVVNL एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि “टेंडर को अपरिहार्य कारणों से रद्द कर दिया गया है।”

ऐसी संभावना दिखाई दे रही है कि डिस्कॉम फ्रेश टेंडर प्रोसेस शुरू करेगी। संभावना इस बात की भी है कि उत्तर प्रदेश की अन्य डिस्कॉम भी एमवीवीएनएल से प्रेरणा लेते हुए इसी रास्ते पर जा सकते हैं। अनुमानित है कि दक्षिणांचल में भी अडानी समूह का टेंडर है। बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टेंडर पाने की रेस में शामिल चार निजी कंपनियों में से कोई भी स्मार्ट मीटर का निर्माता नहीं है।

हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी पर आरोप लगाया है कि वह कॉरपोरेट जगत की सबसे बड़ी ठगी कर रहे हैं। इस रिपोर्ट पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कहा है कि, “जब तक फाइनल और किसी जिम्मेदार संस्था का बयान नहीं आ जाता है, इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। भारत को बदनाम करने के लिए लगातार साजिशें रची जाती हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इस तरह के और प्रयास हो सकते हैं।”

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