KNEWS DESK- जब आपकी इच्छाशक्ति मजबूत हो, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं लगती। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है अडानी ग्रुप के एक कर्मचारी के मेहता ने, जिनका साहस और हौसला हर किसी को हैरान कर गया है। व्हीलचेयर पर रहने के बावजूद, के मेहता ने बंजी जंपिंग जैसी रोमांचक और जोखिमपूर्ण गतिविधि को अपनाया, जिसे देख हर कोई हैरान रह गया।
के मेहता, जो लंबे समय से व्हीलचेयर पर हैं, का एडवेंचर के प्रति खासा लगाव है। उन्होंने अपनी शारीरिक सीमा को पार करते हुए, बंजी जंपिंग करने का साहसिक निर्णय लिया। यह स्पोर्ट्स आमतौर पर काफी जोखिम भरा होता है, लेकिन के मेहता ने इसे अपने आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति से संभव बना दिया।
उन्होंने यह स्टंट ऋषिकेश के मशहूर बंजी जंपिंग पॉइंट से किया, जहां वे कई फीट की ऊंचाई से छलांग लगाते हुए सबको चौंका दिया। जैसे ही उन्होंने जंप किया, वहां पर मौजूद दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका उत्साह और बढ़ाया, जिससे उनका हौसला और भी मजबूत हुआ।
के मेहता के इस साहसिक कदम की सराहना खुद अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने की। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “अधिकतर लोग रोमांच के लिए ऐसा करते हैं, लेकिन हमारे अडानी ग्रुप के कर्मचारी के मेहता ने ऋषिकेश की ऊंचाइयों से एक ऐसी छलांग लगाई जिसने दुनिया को बता दिया, कोई भी बाधा, कोई भी डर, इच्छाशक्ति को नहीं रोक सकता। आप हमें सिर्फ प्रेरित ही नहीं करते, आप अदानियन होने का मतलब फिर से परिभाषित करते हैं। हम करके दिखाते हैं।”
गौतम अडानी के इस पोस्ट को देखकर सोशल मीडिया पर बधाई देने वालों का तांता लग गया।
https://x.com/gautam_adani/status/1905120065122701324
जैसे ही गौतम अडानी ने के मेहता की बंजी जंपिंग का वीडियो साझा किया, यह वायरल हो गया और हजारों लोगों ने इसे देखा और सराहा। यूजर्स ने के मेहता की तारीफ करते हुए लिखा कि यह बंजी जंपिंग वैसे ही एक साहसिक कार्य है, और व्हीलचेयर पर इसे करना सचमुच एक अद्वितीय और चुनौतीपूर्ण कदम था। एक यूजर ने लिखा, “हम अडानी ग्रुप कहते नहीं करके दिखाते हैं।” वहीं, दूसरे यूजर ने कहा, “बंजी जंपिंग वैसे ही इतना हौसले वाला काम है, व्हीलचेयर पर तो ये काफी मुश्किल हो जाता है।”
के मेहता का यह कदम न केवल उनके व्यक्तिगत साहस का प्रतीक है, बल्कि यह हर व्यक्ति के लिए एक प्रेरणा भी है। यह दिखाता है कि अगर मन में दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति हो, तो किसी भी शारीरिक या मानसिक रुकावट को पार किया जा सकता है। के मेहता ने हमें यह सिखाया कि जीवन में कोई भी चुनौती छोटी नहीं होती, और अगर दिल में जुनून हो तो किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है।
के मेहता का साहसिक कदम न केवल उनकी खुद की मेहनत और इच्छाशक्ति का प्रमाण है, बल्कि यह समाज को भी यह संदेश देता है कि अगर इरादा मजबूत हो, तो कोई भी कठिनाई छोटी हो जाती है। उनके इस कारनामे ने साबित कर दिया कि शारीरिक सीमाएं सिर्फ एक संख्या होती हैं, असली ताकत तो मानसिक दृढ़ता में होती है।
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