KNEWS DESK, भारत के प्रमुख उद्योगपति और अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अमेरिका की न्यूयॉर्क अदालत में गौतम अडानी समेत सात अन्य लोगों पर 250 मिलियन डॉलर की रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने लगभग 2 अरब डॉलर के सोलर पावर प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए अधिकारियों को भारी रिश्वत दी।
न्यूयॉर्क के प्रॉसीक्यूटर्स ने आरोप लगाया है कि गौतम अडानी और उनकी टीम ने अमेरिकी निवेशकों से फंड जुटाने के दौरान झूठी जानकारी दी। इसके अलावा समूह की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सागर अडानी और एमडी-सीईओ निवीत जैन पर भी अमेरिकी कानूनों के उल्लंघन का आरोप है।ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी सेक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) पिछले कुछ समय से इस मामले की जांच कर रहा था। जांच में यह पता चला कि अडानी समूह ने प्रोजेक्ट्स हासिल करने के लिए रिश्वत दी हो सकती है। मामला न्यूयॉर्क की अदालत में दायर किया गया है, जहां 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत और धोखाधड़ी को लेकर मुकदमा चलाया जाएगा। अमेरिकी अधिकारियों ने इस बात पर भी जोर दिया है कि अडानी समूह ने सोलर पावर प्रोजेक्ट्स के लिए फंड जुटाने के दौरान निवेशकों को गुमराह किया। यह मामला अडानी समूह की साख पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। समूह पहले ही हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आरोपों के बाद वैश्विक स्तर पर आलोचनाओं का सामना कर चुका है। वहीं अब अमेरिकी अदालत में रिश्वतखोरी के आरोप समूह के लिए एक और बड़ा झटका साबित हो सकते हैं।
इन आरोपों का सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा है। गुरुवार 21 नवंबर 2024 को अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई। प्रमुख शेयरों में 20% तक की गिरावट आई, जिससे निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ। अब तक अडानी समूह की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि समूह को जल्द से जल्द इन आरोपों पर स्पष्टता प्रदान करनी होगी। इन घटनाओं ने अडानी समूह में निवेश करने वाले छोटे और बड़े निवेशकों के बीच अनिश्चितता और घबराहट बढ़ा दी है। अमेरिकी अदालत में मुकदमे का यह मामला न केवल समूह की साख, बल्कि भारतीय बाजार में इसकी स्थिति को भी प्रभावित कर सकता है।