KNEWS DESK, सट्टा कारोबार पर लगाम लगाने के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी ने मंगलवार को मिनिमम कॉन्ट्रैक्ट साइज और ऑप्शन प्रीमियम का अपफ्रंट कलेक्शन अनिवार्य करके इक्विटी इंडेक्स डेरिवेटिव के लिए सख्त फ्रेमवर्क लागू किया।
सेबी की तरफ से ऐलान किए गए दूसरे उपायों में पोजीशन लिमिट की इंट्रा-डे मॉनिटरिंग, एक्सपायरी डे पर कैलेंडर स्प्रेड बेनेफिट को हटाना, वीकली इंडेक्स डेरिवेटिव्स को उचित बनाना और टेल रिस्क कवरेज को बढ़ाना शामिल है। वहीं सेबी ने अपने सर्कुलर में कहा कि ये उपाय निवेशकों की सुरक्षा और बाजार में स्थिरता बनाए रखने के मकसद से किए गए हैं। उसके मुताबिक ये खासकर एक्सपायरी डेट में इंडेक्ट ऑप्शन कारोबार के उच्च जोखिम वाले माहौल में 20 नवंबर से फेज के हिसाब से लागू होंगे। ये फ्रेमवर्क सेबी की तरफ से एफएंडओ यानी फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस सेगमेंट पर स्टडी जारी करने के कुछ दिनों बाद आई है।