भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट, सेंसेक्स और निफ्टी औंधे मुंह गिरे नीचे, कारोबारियों का हुआ नुकसान

KNEWS DESK, गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। बाजार खुलते ही बीएसई सेंसेक्स 1000 अंक नीचे लुढ़क गया, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी 300 अंकों की गिरावट दर्ज की गई। अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा 2025 में ब्याज दरों में कटौती की संख्या को कम करने के संकेत देने से वहां के स्टॉक मार्केट में बड़ी गिरावट आई, जिसका असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ा।

Stock Market Crash: साल की सबसे बड़ी गिरावट... सेंसेक्‍स 1600 अंक से  ज्‍यादा टूटा, निवेशकों के 4.7 लाख करोड़ डूबे - Share Market Crash Big  Downfall Sensex over 1600 point Down 4

सेंसेक्स 80000 के आंकड़े के नीचे फिसलकर 946 अंकों की गिरावट के साथ 79,237 पर कारोबार कर रहा है। वहीं निफ्टी 291 अंकों की गिरावट के साथ 23,907 के स्तर पर पहुंच गया है। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 28 गिरावट के साथ और केवल 2 तेजी के साथ कारोबार कर रहे हैं। निफ्टी के 50 शेयरों में से 47 गिरावट के साथ और केवल 3 शेयर बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं। गिरने वाले प्रमुख शेयरों में इंफोसिस (2.49%), एसबीआई (2.14%), एचसीएल टेक (1.93%), टेक महिंद्रा (1.85%), बजाज फिनसर्व (1.67%) और टाटा स्टील (2.01%) शामिल हैं। इस गिरावट के बावजूद एचयूएल और आईटीसी के शेयरों में मामूली तेजी देखने को मिली। वहीं जिन प्रमुख सेक्टर्स में गिरावट देखने को मिली है वे बैंकिंग, ऑटो, आईटी, एफएमसीजी, मेटल्स, एनर्जी, ऑयल और गैस, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर के शेयरों में मंदी का रुझान रहा, जबकि केवल फार्मा और हेल्थकेयर शेयरों में तेजी आई। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी बिकवाली देखी जा रही है।

निवेशकों को 3 लाख करोड़ रुपये का हुआ नुकसान
भारतीय शेयर बाजार में आई गिरावट ने निवेशकों को तगड़ा नुकसान पहुंचाया है। बीएसई पर लिस्टेड स्टॉक्स का मार्केट कैप 449.34 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है, जो पिछले सत्र में 452.60 लाख करोड़ रुपये था। यानी आज के ट्रेड में निवेशकों को 3.26 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

भारतीय बाजारों पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले का असर
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले से वैश्विक बाजारों में निराशा का माहौल है। फेड द्वारा 2025 में ब्याज दरों में कटौती की संख्या कम करने के संकेत ने निवेशकों के विश्वास को प्रभावित किया है। इस फैसले के परिणामस्वरूप डॉलर के मुकाबले रुपया भी कमजोर हुआ है और पहली बार 85 के स्तर को पार करते हुए 85.07 पर आ गया है, जो 11 पैसे की कमजोरी को दर्शाता है।

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published.