सलाखों के पीछे रिया चक्रवर्ती के बीते थे 6 हफ्ते, होने लगा था डिप्रेशन, अब बताया जेल में क्या-क्या करती थीं

KNEWS DESK – बॉलीवुड अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती का नाम तब सुर्खियों में आया जब अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी मौत के बाद उन्हें कई आरोपों का सामना करना पड़ा। इस कठिन दौर में रिया को लगभग 6 हफ्ते जेल में भी बिताने पड़े, जो उनके जीवन का सबसे चुनौतीपूर्ण समय रहा। हाल ही में, करिश्मा मेहता के पॉडकास्ट में रिया ने जेल में बिताए अपने समय और अनुभवों के बारे में खुलकर बात की।

जेल: एक अजनबी दुनिया

रिया चक्रवर्ती ने अपने जेल के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि जेल एक बिल्कुल अलग दुनिया है। वहाँ कोई समाज नहीं होता, कोई पहचान नहीं होती। सब लोग केवल एक नंबर बनकर रह जाते हैं। इस अजीब दुनिया में इंसान की भावनाएँ ही उसे जिंदा रखने का एकमात्र सहारा होती हैं। उन्होंने बताया कि जेल में दिन बहुत लंबा लगता है, मानो समय थम सा गया हो। हर दिन एक साल जैसा महसूस होता था, और हर पल एक नई चुनौती लेकर आता था।

डिप्रेशन से जूझती रिया

रिया ने खुलासा किया कि जेल के दिनों में वह गहरे डिप्रेशन में चली गई थीं। उनके अनुसार, जेल में केवल अंधेरा और निराशा का सामना करना पड़ा। पॉजिटिव और खुशमिजाज स्वभाव वाली रिया का आत्मविश्वास टूट गया था, और उन्हें जीवन में किसी भी तरह की आशा नहीं दिखाई दे रही थी। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी भावनाओं से लड़ने का प्रयास किया।\

आशा की किरण: योग और कला

जब रिया से पूछा गया कि उन्होंने जेल में अपना समय कैसे बिताया, तो उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने आसपास की महिलाओं के लिए कुछ सकारात्मक करने का निर्णय लिया। उन्होंने महिलाओं को योग सिखाना शुरू किया, जिससे उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत होने में मदद मिली। इसके अलावा, उन्होंने कुछ महिलाओं को डांस और कविता भी सिखाई, जिससे उनकी जिंदगी में थोड़ी सी खुशी और उम्मीद की किरण जगी।

आत्मनिरीक्षण और सीख

रिया चक्रवर्ती का यह अनुभव उनकी जिंदगी का सबसे कठिन दौर था, लेकिन इसी दौरान उन्होंने आत्मनिरीक्षण किया और अपने भीतर की शक्ति को पहचाना। जेल में बिताए गए समय ने उन्हें जीवन के प्रति एक नई दृष्टि दी और उन्हें सिखाया कि कठिन परिस्थितियों में भी इंसान अपने अंदर की सकारात्मकता और साहस को बनाए रख सकता है।

नया सफर, नई शुरुआत

जेल से बाहर आने के बाद रिया चक्रवर्ती ने अपने जीवन को फिर से शुरू किया और अपने पुराने आत्मविश्वास को वापस पाने की कोशिश की। उन्होंने अपने अनुभवों से सीखा कि जीवन में हर चुनौती हमें मजबूत बनाती है, और सबसे अंधेरी रात के बाद ही सुबह का उजाला आता है।

रिया चक्रवर्ती की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाईयाँ आएँ, हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। मुश्किल वक्त भी हमें कुछ सिखाने आता है, और अगर हम उसे सकारात्मक तरीके से अपनाएँ, तो हम हर परिस्थिति से विजयी होकर बाहर निकल सकते हैं।

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