KNEWS DESK – आज दुनिया अमिताभ बच्चन को सदी के महानायक के रूप में जानती है, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब इस कद के अभिनेता को उनके अभिनय और आवाज़ की वजह से लगातार अपमानित किया जाता था। उनके जीवन के शुरुआती संघर्ष और उनका सामना करने की हिम्मत आज भी लोगों के लिए प्रेरणास्रोत है।
साल 1999: अमिताभ ने किया अपने दर्द का खुलासा
अमिताभ बच्चन ने साल 1999 में दिए एक इंटरव्यू में अपने करियर के सबसे कठिन दौर की बात की थी। उन्होंने उस समय को याद किया जब कुछ लोगों ने उनकी एक्टिंग पर सवाल उठाए और उन्हें बुरी तरह अपमानित किया। उन्होंने बताया कि एक बार कुछ लोग उनकी कार के पास आए, कार की खिड़की में अपना सिर डालकर न सिर्फ उनकी एक्टिंग का मज़ाक उड़ाया, बल्कि उनके सामने गालियां भी दीं। बिग बी ने बताया कि इस वाकये के दौरान उनके माता-पिता भी कार में उनके साथ बैठे थे, और यह उनके लिए सबसे दर्दनाक अनुभवों में से एक था।
शुरुआती करियर में संघर्ष और अपमान
अमिताभ बच्चन के करियर के शुरुआती दिन किसी भी संघर्षशील कलाकार के लिए प्रेरणा देने वाले हैं। उन्होंने बताया कि कैसे वह मुंबई की गलियों में चूहों के साथ सोया करते थे, क्योंकि उनके पास रहने की जगह तक नहीं थी। लोग उन्हें बार-बार कहते थे कि वह मुंबई छोड़ दें और यहां अपना समय बर्बाद न करें। लोग यह कहकर उन्हें हतोत्साहित करते थे कि वह कभी भी एक्टिंग में सफल नहीं हो पाएंगे।
बुरा वक्त और मुंबई छोड़ने की सलाह
अमिताभ बच्चन ने 2000 के दौर का भी जिक्र किया, जब उनका करियर बुरे वक्त से गुजर रहा था। इस दौरान भी लोग उन्हें सलाह देते थे कि वह मुंबई छोड़ दें। लेकिन अमिताभ ने हार नहीं मानी। उनके पास वह जज्बा था जो कभी भी पीछे हटने वालों का नहीं होता। उन्होंने अपने मेहनत, लगन और आत्मविश्वास से न सिर्फ अपने आलोचकों को गलत साबित किया, बल्कि बॉलीवुड में अपनी शानदार वापसी की।
मेहनत और लगन का परिणाम
अमिताभ बच्चन ने कठिन परिस्थितियों से हार न मानते हुए अपने लिए एक अलग रास्ता बनाया। उनके संघर्ष और आत्मसमर्पण की यह कहानी साबित करती है कि किस तरह से इंसान विपरीत परिस्थितियों में भी खड़ा रह सकता है और खुद की मेहनत से सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है।