विवेक ओबेरॉय को दिल्ली उच्च न्यायालय से राहत, चीटिंग मामले में समन जारी करने की याचिका निरस्त

दिल्ली स्थित फर्म ने 2003 में इन दोनों पर चीटिंग का आरोप लगाया था

दरअसल एक दिल्ली स्थित फर्म ने 2003 में इन दोनों पर चीटिंग का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि अमेरिका और कनाडा में दोनों पैसे मिलने के बावजूद शो के लिए नहीं आए थे। अब दिल्ली उच्च न्यायालय ने विवेक ओबेरॉय और उनके परिवार को इस मामले में राहत दी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रथम दृष्टया मामला चीटिंग का नहीं बनता।

विवेक ओबेरॉय और सुरेश ओबेरॉय पर आरोप लगा है कि दोनों शो में नहीं आए

विवेक ओबेरॉय और सुरेश ओबेरॉय पर आरोप लगा था कि यूएस और कनाडा में शो के लिए 2003 में $300000 दिए जाने के बावजूद दोनों प्रस्तुत नहीं हुए थे। उन पर ये आरोप मेहता एंटरटेनमेंट के सीईओ दीपक मेहता ने लगाया था। उन्होंने दिल्ली के मजिस्ट्रेट कोर्ट में क्रिमिनल कंप्लेंट दर्ज कराई थी। इसके बाद निचली अदालत ने भी गलत तरीके से दायर याचिका के खिलाफ समन जारी करने से इनकार कर दिया था और याचिका को डिसमिस कर दिया था। इस डिस्मिसल को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। अब कोर्ट में निचली अदालत की बात को माना है।

सुरेश ओबेरॉय ने यूएस और कनाडा में शो ऑर्गेनाइज करने के लिए कहा था

शिकायतकर्ता के अनुसार वे अमेरिका में कई कलाकारों के शो आयोजित करते थे। जनवरी 2003 में उनकी पहचान ओबेरॉय से हुई। इसके बाद सुरेश ओबेरॉय ने अपने और बेटे के लिए यूएस और कनाडा में शो ऑर्गेनाइज करने के लिए कहा। दोनों पर यह आरोप लगाया गया है कि विवेक से अनुमति लेने के बाद डील को फाइनल किया गया। दोनों को इसके लिए $300000 भी दिए गए। इसके बाद शो को आयोजित किया गया लेकिन दोनों भी शो में नहीं आए।

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