क्या केजरीवाल की बढ़ेंगी मुश्किलें? 24 फरवरी से शुरू होने वाले दिल्ली विधानसभा सत्र में कैग रिपोर्ट हो सकती है पेश

KNEWS DESK-  दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शपथ लेने के बाद से प्रशासनिक सुधारों और फैसलों की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं। शालीमार बाग विधानसभा की विधायक रेखा गुप्ता ने 24 फरवरी को रामलीला मैदान में आयोजित भव्य शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पार्टी नेताओं प्रवेश वर्मा और आशीष सूद को कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ दिलवायी। साथ ही, भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली और खास तौर पर पंजाबी में शपथ ली। भाजपा विधायक रविन्द्र इंद्राज सिंह, कपिल मिश्रा और पंकज कुमार सिंह भी नए कैबिनेट मंत्रियों के तौर पर शपथ ले चुके हैं।

नई दिल्ली सरकार ने 24 से 27 फरवरी तक विधानसभा का पहला सत्र बुलाया है, जिसे लेकर राजनीतिक हलकों में उत्सुकता बनी हुई है। इस सत्र में कैग (कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) रिपोर्ट को पेश किए जाने की संभावना है, जिससे दिल्ली के वित्तीय और प्रशासनिक मामलों में पारदर्शिता को लेकर चर्चा हो सकती है।

इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने एक और अहम कदम उठाते हुए आतिशी सरकार के सभी निजी स्टाफ की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और मंत्रियों के सभी व्यक्तिगत स्टाफ को नौकरी से हटा दिया गया है। इसके साथ ही, अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने मूल विभागों में रिपोर्ट करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। दिल्ली सरकार सेवा विभाग ने इस संबंध में एक आधिकारिक आदेश जारी किया है।

यह कदम दिल्ली सरकार के प्रशासनिक सुधारों का हिस्सा माना जा रहा है और यह संकेत है कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता अपने कार्यकाल में शासन व्यवस्था में सुधार लाने के लिए कड़े फैसले लेंगी। इन निर्णयों से साफ नजर आ रहा है कि दिल्ली सरकार पारदर्शिता, प्रशासनिक दक्षता और नीति-निर्माण के साथ-साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।

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