KNEWS DESK- भगोड़ा हीरा कारोबारी और 14,000 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले का मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी आखिरकार बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी भारत की ओर से किए गए अनुरोध और जांच एजेंसियों की वर्षों की मेहनत के बाद संभव हो पाई है। अब भारत सरकार और एजेंसियां उसे प्रत्यर्पण के जरिए भारत वापस लाने की प्रक्रिया में जुट गई हैं।
सूत्रों के मुताबिक, मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी सीबीआई और ईडी के संयुक्त प्रयासों के तहत की गई है। यह कदम उस समय आया जब उसके खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस हटाए जाने के बावजूद भारतीय एजेंसियों ने बेल्जियम से प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया। चोकसी की गिरफ्तारी इस हाई-प्रोफाइल घोटाले में एक महत्वपूर्ण मोड़ मानी जा रही है।
PNB घोटाला भारत के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक है। चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स और उसके सहयोगियों ने कुछ बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक को लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) और विदेशी ऋण पत्र (FLC) के ज़रिए धोखा दिया।
इन दस्तावेजों को नियमों की अनदेखी करते हुए जारी किया गया और अंतरराष्ट्रीय बैंकों से भारी-भरकम लोन लिया गया, जिसे कभी चुकाया ही नहीं गया। इसके चलते बैंक को 13,850 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।
जांच एजेंसियों के पास क्या है सबूत?
ईडी ने चोकसी के खिलाफ तीन आरोप पत्र दाखिल किए हैं, जबकि सीबीआई ने भी उसके खिलाफ कई चार्जशीट तैयार की हैं।
इन मामलों में महत्वपूर्ण गवाहों की गवाही शामिल है, जैसे-
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गीतांजलि समूह के बैंकिंग प्रमुख विपुल चितालिया
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समूह की वित्त टीम के दिवंगत सदस्य दीपक कुलकर्णी
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पीएनबी के पूर्व मुख्य प्रबंधक गोकुलनाथ शेट्टी
इन गवाहों के बयान और दस्तावेजों ने यह साफ कर दिया कि घोटाले की योजना चोकसी ने किस तरह बनाई और उसे व्यवस्थित तरीके से अंजाम दिया गया।
मेहुल चोकसी ने 2017 में निवेश के जरिए एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता हासिल कर ली थी। जनवरी 2018 में जब घोटाले की खबर सामने आई, वह पहले ही भारत से भाग चुका था।
भारत की ओर से उसके खिलाफ इंटरपोल नोटिस जारी किए गए और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू की गई। हालांकि, चोकसी ने प्रत्यर्पण आदेशों के खिलाफ अपील की और समय लेने की कोशिश करता रहा।
2023 में चोकसी ने बेल्जियम में रहने के लिए ‘एफ रेजीडेंसी कार्ड’ हासिल किया। उसने अपनी असली पहचान छिपाकर और एंटीगुआ की नागरिकता का खुलासा किए बिना फर्जी दस्तावेजों और गलत जानकारी के आधार पर रेजीडेंसी प्राप्त की।
बेल्जियम में वह अपनी पत्नी प्रीति चोकसी, जो वहां की नागरिक है, के साथ रह रहा था। बताया जा रहा है कि अगला कदम स्विट्जरलैंड में कथित कैंसर इलाज के बहाने भागने का था, लेकिन उससे पहले ही भारतीय एजेंसियों ने उस पर शिकंजा कस दिया।
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