पश्चिम बंगाल विधानसभा ने एंटी रेप बिल सर्वसम्मति से किया गया पारित, जानें “अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024” की मुख्य बातें..

KNEWS DESK – पश्चिम बंगाल विधानसभा ने मंगलवार को “अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024” को पास कर दिया। इस विधेयक का उद्देश्य राज्य में यौन अपराधों के खिलाफ कड़ी सजा सुनिश्चित करना और त्वरित न्याय प्रदान करना है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस विधेयक को विधानसभा में पेश किया, खासकर हालिया यौन अपराधों की घटनाओं को देखते हुए ये विधेयक पेश किया।

पश्चिम बंगाल विधानसभा ने बलात्कार रोधी विधेयक सर्वसम्मति से किया पारित,  दोषियों के लिए मृत्युदंड सजा

अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक की मुख्य बातें

1. सजा-ए-मौत का प्रावधान: रेप और हत्या के मामलों में दोषियों को फांसी की सजा देने का प्रावधान है।

2. त्वरित न्याय: चार्जशीट दायर करने के 36 दिनों के भीतर सजा का प्रावधान, और अपराध की जांच 21 दिन में पूरी करनी होगी।

3. विशेष टास्क फोर्स: हर जिले में ‘अपराजिता टास्क फोर्स’ बनाई जाएगी, जो रेप, एसिड अटैक, और छेड़छाड़ जैसे मामलों पर कार्रवाई करेगी।

4. अजीवन कारावास: एसिड अटैक के मामलों में दोषियों को आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी।

5. पीड़िता की पहचान उजागर करने पर सजा: पीड़िता की पहचान सार्वजनिक करने वाले व्यक्तियों को 3-5 साल की कैद की सजा होगी।

6. त्वरित सुनवाई: सभी यौन अपराधों और एसिड अटैक मामलों की सुनवाई 30 दिनों के भीतर पूरी करने का प्रावधान है।

कानूनी प्रक्रिया और समय सीमा

विधेयक के अनुसार, दुष्कर्म के मामलों में न्याय 21 दिनों के भीतर सुनिश्चित किया जाएगा। यदि इस अवधि के भीतर फैसला नहीं आता है, तो पुलिस अधीक्षक की अनुमति से 15 दिनों का अतिरिक्त समय मिलेगा। यह कदम त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

विधानसभा से विधेयक पास होने के बाद इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। राज्यपाल की मंजूरी के बाद, यह कानून का रूप लेगा। उम्मीद की जा रही है कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस इस विधेयक को साइन करेंगे और कोई दिक्कत नहीं आएगी। अगर राज्यपाल की मंजूरी नहीं मिलती है, तो विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेजा जा सकता है, लेकिन राज्यपाल की मंजूरी ही इसे कानून में बदलने के लिए पर्याप्त होगी।

अपराजिता विधेयक में BNS और BNSS के साथ-साथ 2012 के पोक्सो अधिनियम के कुछ हिस्सों में संशोधन करने और पीड़िता की उम्र चाहे जो हो, कई तरह के यौन उत्पीड़न के मामलों में मौत की सजा का प्रावधान है|

केंद्र सरकार से भी नया कानून बनाने की मांग

टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने केंद्र सरकार से भी पश्चिम बंगाल की तर्ज पर एक सख्त दुष्कर्म विरोधी कानून लाने की मांग को लेकर उन्होंने कहा, “हर 15 मिनट में एक दुष्कर्म होने के भयावह आंकड़े को देखते हुए, एक व्यापक दुष्कर्म विरोधी कानून की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक हो गई है। बंगाल ने दुष्कर्म विरोधी विधेयक के मामले में अग्रणी कदम उठाया है। अब केंद्र सरकार को भी इसी प्रकार की निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए ताकि न्याय जल्दी मिले और सजा गंभीर हो।”

इस नए विधेयक के जरिए ममता बनर्जी की सरकार ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर कठोरता से अंकुश लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह विधेयक न केवल अपराधियों के लिए एक कड़ा संदेश भेजेगा, बल्कि पश्चिम बंगाल में महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published.