KNEWS DESK- दिल्ली में नगर निगम के स्थायी समिति सदस्य के चुनाव के लिए वोटिंग पूरी हो गई है। यह चुनाव अतिरिक्त आयुक्त जितेंद्र यादव की देखरेख में हुआ, जिन्हें मेयर और डिप्टी मेयर की अनुपस्थिति में पीठासीन अधिकारी बनाया गया। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने इस चुनाव का बहिष्कार किया, जिससे भाजपा के पार्षदों ने अकेले ही मतदान में भाग लिया।
चुनाव की प्रक्रिया
इस चुनाव के लिए कुल 2.5 घंटे का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन मतदान केवल एक घंटे में समाप्त हो गया। इस दौरान केवल भाजपा के पार्षदों ने ही वोट डाले, जबकि आप के पार्षद सदन में उपस्थित नहीं हुए। मेयर शैली ओबेरॉय ने इससे पहले चुनाव को अवैध घोषित किया था, और आप के विधायक दिल्ली विधानसभा के बाहर विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे।
केजरीवाल और सिसोदिया का विरोध
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उनकी नीयत में खोट है। उन्होंने कहा, “एमसीडी की बैठक बुलाने का अधिकार केवल मेयर को है। एलजी और कमिश्नर इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकते।” आप नेता मनीष सिसोदिया ने भी चुनाव प्रक्रिया को गैरकानूनी करार दिया। उन्होंने कहा, “भाजपा के कहने पर अधिकारी निगम की बैठक बुला रहे हैं, जो पूरी तरह असंवैधानिक है।”
मेयर की प्रतिक्रिया
मेयर शैली ओबेरॉय ने इस चुनाव के संबंध में कहा, “उपराज्यपाल के निर्देश पर जारी किया गया आदेश पूरी तरह से अवैध है। डीएमसी एक्ट की धज्जियां उड़ाई गई हैं।” उन्होंने आश्वासन दिया कि वह चुनाव प्रक्रिया को स्वतंत्र और निष्पक्ष रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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