KNEWS DESK – उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवम्बर 2024 को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा पर अब इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका में घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए, अधिकारियों की भूमिका की जांच और सीबीआई से विस्तृत जांच कराने की अपील की गई है।
हिंसा में 4 मौतें, 25 घायल
बता दें कि संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के बाद हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 25 अन्य लोग घायल हुए थे। घटना के बाद स्थिति नियंत्रण में आई, लेकिन घटना के कारण बाजारों में व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा, खासकर मस्जिद से आधा किलोमीटर दूर स्थित सर्राफा बाजार के दुकानदारों को।
सीबीआई जांच की मांग
याचिका दायर करने वाले व्यक्ति आनंद प्रकाश तिवारी के माध्यम से अधिवक्ता इमरान उल्लाह और विनीत विक्रम ने यह आग्रह किया है कि संभल हिंसा की पूरी जांच सीबीआई से कराई जाए। साथ ही, याचिका में मुरादाबाद परिक्षेत्र के मंडलायुक्त, संभल के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारियों की भूमिका की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) गठित करने की भी मांग की गई है। याचिका में यह आरोप भी लगाया गया है कि प्रशासनिक लापरवाही और स्थानीय अधिकारियों की भूमिका ने इस हिंसा को भड़कने में योगदान किया।
आधिकारिक लापरवाही पर सवाल
याचिका में यह भी कहा गया है कि भविष्य में धार्मिक स्मारकों या स्थलों के सर्वेक्षण के दौरान जिले के अधिकारियों की भूमिका और जिम्मेदारियों के संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश बनाए जाने चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
सर्वेक्षण के दौरान भड़की हिंसा
24 नवम्बर को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण एक स्थानीय अदालत के आदेश पर किया गया था। यह सर्वेक्षण एक अधिवक्ता आयुक्त की देखरेख में हुआ, लेकिन इस दौरान हिंसा भड़क उठी और प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया, लेकिन हिंसा के कारण कई लोग मारे गए और घायल हुए।
31 आरोपी गिरफ्तार, जांच जारी
संभल हिंसा के बाद पुलिस ने 31 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं। अब तक सात मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं, और पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है। संभल में सभी संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है, और मुरादाबाद मंडल के सभी पांच जिलों में सतर्कता बरती जा रही है। पुलिस यह जांच भी कर रही है कि हिंसा में कितना नुकसान हुआ है, और किसे इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।