KNEWS DESK – उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे 23 नवंबर 2024 को घोषित किए गए। इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 6 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) ने 2 सीटों और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने 1 सीट पर कब्जा जमाया।
चुनाव का परिणाम
- बीजेपी:
भाजपा ने मीरापुर, गाजियाबाद, खैर, करहल, कटेहरी और मझवां सीट पर जीत हासिल की। - सपा:
समाजवादी पार्टी ने सीसामऊ और कुंदरकी सीटों पर जीत दर्ज की। - रालोद:
राष्ट्रीय लोक दल ने फूलपुर सीट जीतकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
बीजेपी की मजबूत पकड़
भाजपा ने इस उपचुनाव में अपनी बढ़त बनाए रखी और 6 सीटों पर जीत के साथ प्रदेश में अपनी पकड़ मजबूत दिखाई।
- मीरापुर: भाजपा प्रत्याशी अमित चौधरी ने सपा के रामेश्वर सिंह को हराया।
- गाजियाबाद: भाजपा की सुनीता शर्मा ने कांग्रेस के अजय यादव को पराजित किया।
- करहल: भाजपा ने यह सीट जीतकर सपा के गढ़ में सेंध लगाई।
- खैर और कटेहरी: इन दोनों सीटों पर भाजपा ने निर्णायक जीत हासिल की।
- मझवां: मझवां सीट भी भाजपा के खाते में गई, जहां पार्टी ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को बड़े अंतर से हराया।
सपा का प्रदर्शन
सपा ने कुंदरकी और सीसामऊ सीटों पर जीत दर्ज की। हालांकि, कुल मिलाकर यह प्रदर्शन पार्टी के लिए उत्साहजनक नहीं कहा जा सकता।
- कुंदरकी: सपा के रफीक अहमद ने भाजपा के मनोज गुप्ता को हराया।
- सीसामऊ: सपा प्रत्याशी आदित्य पांडे ने कांटे की टक्कर में यह सीट अपने नाम की।
फूलपुर में रालोद का परचम
फूलपुर सीट पर रालोद ने बाजी मारी।
- रालोद के प्रत्याशी सुभाष चौधरी ने भाजपा को हराकर यह सीट जीती।
- यह जीत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रालोद के प्रभाव को दर्शाती है।
चुनाव के दौरान विवाद
उपचुनाव के दौरान कई जगहों से हिंसा और गड़बड़ी की खबरें आईं।
- सपा ने भाजपा और प्रशासन पर धांधली के आरोप लगाए।
- सपा मुखिया अखिलेश यादव की शिकायत पर चुनाव आयोग ने 5 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया।
- कुंदरकी और मीरापुर में चुनाव के दौरान जमकर हंगामा हुआ, जिसके चलते मतदान प्रभावित रहा।
मतदान प्रतिशत
इन 9 सीटों पर कुल 49.3 प्रतिशत मतदान हुआ, जो अपेक्षाकृत कम था।
- सबसे अधिक मतदान मीरापुर में हुआ, जबकि गाजियाबाद में सबसे कम मतदान दर्ज किया गया।
राजनीतिक महत्व
इन उपचुनावों का परिणाम 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले सभी दलों के लिए एक संकेत है।
- भाजपा की जीत ने यह दिखाया कि पार्टी की जमीनी पकड़ मजबूत है।
- सपा को हार के बावजूद पश्चिमी और मध्य उत्तर प्रदेश में अपनी मौजूदगी का अहसास कराया।
- रालोद ने फूलपुर सीट जीतकर खुद को एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय ताकत के रूप में पेश किया।