KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटिंग जारी है, और चुनावी प्रक्रिया में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इस उपचुनाव में कांग्रेस को छोड़कर सभी प्रमुख दलों ने अपने-अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। चुनावी रण में समाजवादी पार्टी (सपा), भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.), और अन्य पार्टियां अपने-अपने दावे प्रस्तुत कर रही हैं, जबकि चुनाव के दौरान कुछ तकनीकी समस्याएं भी सामने आई हैं।
करहल में ईवीएम खराबी की सूचना
यूपी की मैनपुरी के करहल विधानसभा क्षेत्र में मतदान जारी है, लेकिन इसी बीच समाजवादी पार्टी ने एक गंभीर आरोप लगाया है। सपा ने दावा किया है कि करहल के एमनपुर क्षेत्र के बूथ संख्या 100 पर ईवीएम में तकनीकी खराबी आई है, जिससे मतदान प्रक्रिया में रुकावट आई। सपा के नेताओं ने चुनाव आयोग से तत्काल सुधार की मांग की है और इसे चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, चुनाव अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है, और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही तकनीकी समस्या का समाधान कर लिया जाएगा।
गाजियाबाद में बीजेपी की जीत का इतिहास
गाजियाबाद विधानसभा सीट पर बीजेपी की दावेदारी खास है, क्योंकि 2022 के विधानसभा चुनाव में यहां से बीजेपी के अतुल गर्ग ने जीत दर्ज की थी। अतुल गर्ग ने इस सीट पर 61.37% वोट शेयर के साथ सपा के विशाल वर्मा को हराया था। अब, 2024 में इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है, क्योंकि अतुल गर्ग ने सांसद बनने के बाद अपनी विधानसभा सीट छोड़ दी है। बीजेपी इस सीट को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है, और गाजियाबाद में बीजेपी के मजबूत आधार को देखते हुए पार्टी को फिर से जीत की उम्मीद है।
फूलपुर में बीजेपी ने जीत की हैट्रिक का दावा किया
प्रयागराज के फूलपुर विधानसभा क्षेत्र में भी मतदान जारी है, और बीजेपी प्रत्याशी दीपक पटेल ने अपनी जीत का दावा किया है। दीपक पटेल ने मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया और कहा कि जनता उनके विकास कार्यों और सुरक्षा के मुद्दों से प्रभावित होकर बीजेपी को वोट देगी। उन्होंने फूलपुर सीट पर बीजेपी की जीत की हैट्रिक बनाने का विश्वास जताया। दीपक पटेल के मुताबिक, इस सीट पर बीजेपी की पक्की जीत सुनिश्चित है, और उनकी पार्टी ने इस क्षेत्र में व्यापक विकास कार्य किए हैं, जो जनता के बीच उनकी स्थिति को मजबूत बनाता है।
सभी दलों के लिए अहम मुकाबला
उत्तर प्रदेश में इन उपचुनावों के परिणाम न केवल राज्य की राजनीतिक दिशा तय करेंगे, बल्कि 2024 के लोकसभा चुनावों की ओर भी संकेत देंगे। बीजेपी, सपा, और अन्य दलों के लिए ये उपचुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बने हुए हैं। सभी दल चुनावी रणनीतियों के तहत अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं, और मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करके इस चुनावी घमासान में भाग ले रहे हैं। चुनाव आयोग ने चुनावी प्रक्रिया की निगरानी के लिए पूरी तैयारी की है, ताकि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव हो सके। मतदान का सिलसिला जारी है, और हर किसी की नजरें इन उपचुनावों के परिणामों पर टिकी हैं।
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