अति महत्वपूर्ण व चर्चित हेलंग-मारवाड़ी बाईपास पर काम आगे बढ़ेगा या नहीं इसका पता लगने में अभी एक हफ्ता लग जाएगा। राज्य सरकार व सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने आईआईटी रुड़की को जांच अभी सात दिन के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है। आईआईटी रुड़की यह जांच करेगी कि हेलंग-मारवाड़ी बाईपास बनाने का काम फिर से शुरू करने पर कहीं जोशीमठ का भू धंसाव और तो नहीं बढ़ जाएगा यदि नहइओ बड़ेगा तो ही बाईपास का काम शुरू होगा। सेना की जरूरतों और बदरीनाथ यात्रा को देखते हुए सरकार हेलंग-मारवाड़ी बाईपास का काम शुरू करना चाहती है लेकिन जब तक आईआईटी रुड़की की रिपोर्ट उनको पूरी तरह से हरी झंडी नहीं दे देगी तब तक वह एक कदम भी आगे नहीं ले सकते। मंगलवार को शासन में इस संबंध में बीआरओ के अधिकारियों के कई बातचीत की है। उन्होंने बताया कि बीआरओ को बाईपास के काम को आगे बढ़ाने के लिए तकनीकी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे है इसलिए इस संबंध में बीआरओ की और से भी अलग से आईआईटी रुड़की को पत्र लिखा गया है जिसमें उन्होंने बताया कि बाईपास का काम करीब छह महीने पहले शुरू कर दिया था पर अभी हेलंग और मारवाड़ी दोनों तरफ से कटिंग का काम चल रहा था की इस बीच जोशीमठ में अचानक दरारें गहरी हो गई इसलिए बीती 5 जनवरी को बाईपास निर्माण के काम को रोक दिया गया। इस मार्ग पर दो पुल भी बनने है जिसमें अभी समय लगेगा। डा. सिंह ने कहा- हमारी कोशिश यही है कि बाईपास का काम जल्द ही शुरू हो और उस पर तेजी से निर्माण कार्य किया जा सके। इसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की टीम ने भी बाईपास साइट का एक दौरा किया है और ये टीम केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट देगा।
हमेशा विवाद में ही बनी योजना
- 1988-89 में पहली बार दी थी योजना को मंजूरी
- 30 साल से तो विवाद चल रहा था
- 2021 में केन्द्र सरकार ने दी थी हरी झंडी
रिपोर्ट में देखा जाएगा कि बाईपास का काम शुरू करने से जोशीमठ भू-धंसाव में फिर से कोई खतरा बढ़ेगा तो नहीं। यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो बिना किसी इंतजार के बाईपास का काम जल्द शुरू किया जाएगा।