जेल में बंद बंदी बोले…. मर्यादा पुरुषोत्तम राम है हम सभी के आदर्श

मेरठ। चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में चल रही श्रीराम कथा में छठे दिन भक्ति रस की बयार बही। कथावाचक पंडित प्रशांत महाराज ने श्रीराम-अहिल्या संवाद का ऐसा वर्णन किया कि वहां मौजूद बंदी भी भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम हम सभी के आदर्श हैं। खुले आसमान के नीचे महिला व पुरुष बंदी श्रीराम के भजनों पर झूमते दिखाई दिए। कथावाचक पंडित प्रशांत महाराज ने श्रीराम-अहिल्या संवाद के जरिए श्रोताओं को बांधे रखा। उन्होंने बताया कि भगवान श्रीराम और लक्ष्मण जब गुरु विश्वामित्र के साथ सीता स्वयंवर के लिए जाते हैं तो रास्ते में गौतम ऋषि के आश्रम में वह एक शिला देख रुक जाते हैं। विश्वामित्र बताते हैं कि यह गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या हैं, जिन्हें इंद्र ने छला है। श्रीराम अहिल्या का उद्धार करते हैं। यहां से श्रीराम-लक्ष्मण राजा जनक के नगर में पहुंचते हैं। भगवान का दिव्य रूप को देखकर समूचा नगर मंत्रमुग्ध हो जाता है। कथा के दौरान वाचक बंदियों को ‘क्रोध पर विजय का मंत्र भी देते हैं। उन्होंने कहा कि क्रोध से होने वाली हानि से बचना है तो केवल दो मिनट रुककर क्रोध के कारण पर विचार जरूर करें। इसके बाद श्रीराम की आरती का भव्य आयोजन होता है और बंदियों को प्रसाद बाटा जाता है। इस अवसर पर जेल अधीक्षक राकेश कुमार, जेलर राकेश वर्मा व मनीष कुमार, डिप्टी जेलर अरविंद कुमार, विक्रम यादव, पूजा मिश्रा व पुरुषोत्तम सरन भी उपस्थित रहे।