उत्तराख्ंाण्ड प्रदेश को नही मिल पा रहा है द्रोण

उत्तराख्ंाण्ड प्रदेश को नही मिल पा रहा है द्रोण के साथ अभिमन्यु चार साल से घोषित नही हो पाए अवार्ड
उत्तराखंण्ड में वर्ष 2019-20,2020-21 और 2021-22 के लिए खेल विभाग से आवेदन मांगे गए थे। जिनकी जांच भी हुई लेकिन प्रदेश सरकार तीनों पुरूस्कारो की घाोषणा करने में असमर्थ रही।
जहां एक ओर उत्तराखंण्ड के खिलाडी तमाम खेलो में अपनी प्रतिभा का लोहा पूरी दुनिया में मना रहो है तो वही दूसरी ओर ऐसे प्रतिभावान खिलाडियो को तैयार करने वाले खिलाडियो को तैयार करने वाले प्रशिक्षक राज्य सरकार को ढूंढे नही मिल रहो है। शायद सरकार की लापरवाही के कारण चार साल से देवभूमि द्रोणाचार्य पुरूस्कार और तीन साल से उत्तराखंण्ड देवभूमि खेल रत्न व लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड की घोषणा नही की जा रही है। 2018-19 में आवेदन होने के बाद भी द्रोणाचार्य पुरूस्कार की घोषण नही की गई थी। लेकिन उत्तराखंण्ड देवभूमि खेल रत्न से बैडमिंटन खिलाडी मनोज सरकार को तो वही वाॅलीवाल खिालाडी अरूण कुमार को सूद को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया था। लेकिन तब से लेकर अब तक विभाग ने आवेदन मांगे जिनकी जांच भी हुई लेकिन इन तीनो पुरूस्कारो की घोषणा नही हो पाई। वही खेल मंत्री रेखा आर्य का कहना है की प्रदेश में पहले कोविड और फिर विधानसभा चुनाव के आचार सहिता के चलते ये पुरूस्कार घोषित नही हो पाए थे। लेकिन अब चयन प्रक्रिया पुरी होने के बाद सम्भवत जल्द ही तीनो सालो से रूके पुरूस्कारो की घोषणा कर दी जाएगी।
तीन से पांच लाख रूपये का पुरूस्कार
जहां द्रोणाचार्य पुरूस्कार में प्रशिक्षक को तीन लाख रूप्ये के साथ प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। वही अन्य दो पुरूस्कारो में चयनित खिलाडियो को पांच-पांच लाख रूपय की धन राशि े के साथ प्रश्स्तिी पत्र दिये जाते है।
हाईपावर कमेटी करती है चयन इन पुरूस्कारो के चयन की प्रकिया खेल मंत्री की अध्यक्षता में गठित हाई पावर कमेंटी करती है। कमेटी में खेल सचिव, निदेशक, विभग का वरिष्ठ अधिकारी एवं अंतरराष्टीय खिलाडी शामिल होते है।