KNEWS DESK- चीन में फैल रहे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) संक्रमण का खतरा अब भारत तक पहुंच गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कर्नाटक राज्य में दो बच्चों में एचएमपीवी संक्रमण की पुष्टि की है। ये दोनों बच्चे बंगलूरू के बैपटिस्ट अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती थे, जिनमें एक तीन महीने की बच्ची और एक आठ महीने का बच्चा शामिल हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि तीन महीने की बच्ची को ब्रोन्कोन्यूमोनिया के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच में पता चला कि उसे एचएमपीवी संक्रमण है। हालांकि, बच्ची की हालत अब स्थिर है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। आठ महीने के बच्चे का भी एचएमपीवी टेस्ट पॉजिटिव आया है। इस बच्चे के नमूने तीन जनवरी 2025 को लिए गए थे और उसकी स्थिति भी ठीक है। इन दोनों बच्चों और उनके परिजनों ने कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा नहीं की है, जिससे यह सवाल उठता है कि यह संक्रमण स्थानीय स्तर पर कैसे फैल सकता है।
इस बीच, कर्नाटक राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने इस स्थिति को लेकर एक आपात बैठक बुलाई है। राज्य सरकार और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय दोनों ने ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के संक्रमण की बढ़ती चिंता के मद्देनजर कड़ी निगरानी की व्यवस्था शुरू कर दी है। कई राज्यों ने एडवाइजरी जारी की है और नागरिकों को एचएमपीवी संक्रमण से बचने के लिए एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी है।
चीन में एचएमपीवी संक्रमण के मामलों की संख्या में तेज वृद्धि देखी जा रही है, जिससे बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हो रहे हैं। इस वायरस से कई मौतें भी हो चुकी हैं। यह वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और ब्रोन्कोन्यूमोनिया जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है, विशेष रूप से छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह जानलेवा हो सकता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को इस वायरस पर कड़ी निगरानी रखने की सलाह दी है, और कोविड-19 के बाद से स्वास्थ्य तंत्र को लेकर सतर्कता बनाए रखने की जरूरत जताई है। एचएमपीवी संक्रमण के शुरुआती लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ और अन्य श्वसन समस्याएं शामिल हो सकती हैं। भारत में अभी तक इसके प्रभावी उपचार की कोई खास जानकारी नहीं आई है, लेकिन सरकार संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है।