KNEWS DESK- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मन की बात कार्यक्रम के 117वें संबोधन में भारतीय संविधान पर अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने संविधान के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने हमें जो संविधान दिया है, वह समय की हर कसौटी पर खरा उतरा है। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि 2025 में हमारे संविधान को लागू हुए 75 साल पूरे होने जा रहे हैं, जो देशवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण और गौरवपूर्ण अवसर है।
संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर विशेष पहल
पीएम मोदी ने कहा, “हमारा संविधान 75 साल पुराना हो रहा है और यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि इसने सभी समयों में देश के लोकतांत्रिक ढांचे को सुदृढ़ किया है।” उन्होंने यह भी बताया कि संविधान के इस महत्वपूर्ण मोड़ पर इसे लेकर देशभर में विशेष कार्यक्रम और जागरूकता अभियानों की योजना बनाई जा रही है। इस संदर्भ में, प्रधानमंत्री ने एक नई पहल के तौर पर संविधान से जुड़ी एक वेबसाइट का भी शुभारंभ किया।
संविधान75.com: नई वेबसाइट का लॉन्च
प्रधानमंत्री ने संविधान की महत्ता को और बढ़ाने के लिए एक वेबसाइट लॉन्च की, जिसका नाम constitution75.com है। यह वेबसाइट नागरिकों को संविधान की सही जानकारी और इसके महत्व से जोड़ने के लिए बनाई गई है। वेबसाइट पर लोग संविधान की प्रस्तावना पढ़ सकते हैं, अपना वीडियो अपलोड कर सकते हैं, और अलग-अलग भाषाओं में संविधान का अध्ययन कर सकते हैं। इसके अलावा, इस वेबसाइट पर लोग संविधान से जुड़े सवाल भी पूछ सकते हैं।
पीएम मोदी ने खासतौर पर बच्चों, स्कूल के विद्यार्थियों और कॉलेज जाने वाले युवाओं से इस वेबसाइट का हिस्सा बनने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह एक बेहतरीन अवसर है, जब युवा पीढ़ी संविधान को और बेहतर तरीके से समझ सकती है और इसे लागू करने में अपनी भूमिका निभा सकती है।
महाकुंभ और प्रयागराज का उल्लेख
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ और प्रयागराज का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ की तरह हमारे संविधान ने हमेशा समाज को एकजुट किया और हमें अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति सजग किया। यह हमारी संस्कृति और परंपराओं की अभिव्यक्ति है, जो आज भी देश को सही दिशा में ले जा रहा है।
प्रधानमंत्री के इस संबोधन ने संविधान के महत्व को और अधिक उजागर किया है और देशवासियों को संविधान के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने का एक अवसर प्रदान किया है। इस पहल से संविधान के प्रति जागरूकता बढ़ाने और युवाओं को इसके महत्व को समझने में मदद मिलेगी।
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