KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद ने रविवार को गंभीर रूप ले लिया। मस्जिद पर हरिहर मंदिर होने का दावा किए जाने के बाद यहां पुनः सर्वेक्षण के दौरान हिंसा और जमकर पथराव हुआ, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े और लाठीचार्ज करना पड़ा।
सर्वे शुरू होते ही भड़की हिंसा
रविवार की सुबह करीब छह बजे संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई की अगुवाई में एक सर्वे टीम जामा मस्जिद पहुंची। इस दौरान कोर्ट कमिश्नर रमेश राधव के नेतृत्व में मस्जिद का सर्वे शुरू किया गया। जैसे ही यह जानकारी स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोगों को मिली, वे बड़ी संख्या में मस्जिद के बाहर जमा हो गए।
मुस्लिम समाज के लोग इस सर्वे को लेकर नाराज थे और उन्होंने इसे अनावश्यक ठहराया, विशेषकर उस दिन, जब वह छुट्टी के दिन धार्मिक कार्यों में व्यस्त होते हैं। स्थिति को और बिगाड़ते हुए भीड़ ने पुलिस को रोकने का प्रयास किया, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ गया। पुलिस के समझाने के बावजूद भीड़ ने हंगामा शुरू कर दिया और कुछ ही देर में पथराव की घटना सामने आई।
पथराव और पुलिस पर हमला
भीड़ ने अचानक पथराव शुरू कर दिया, जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिसकर्मियों को चोटें आईं, और स्थिति काबू से बाहर होने लगी। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया, लेकिन हालात नहीं सुधरे। इसके बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और लाठीचार्ज भी किया गया।
पुलिस का बयान और स्थिति नियंत्रण में
पुलिस ने बताया कि स्थिति को काबू करने के लिए अतिरिक्त बल भेजा गया था और अब हालात सामान्य हैं। अधिकारियों के अनुसार, हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि सर्वे प्रक्रिया पूरी शांति से की जाएगी और किसी भी प्रकार के तनाव या हिंसा को बढ़ने नहीं दिया जाएगा।
कानूनी और धार्मिक पक्ष
जामा मस्जिद के विवादित होने के कारण अब धार्मिक और कानूनी दोनों ही दृष्टिकोण से मामला संवेदनशील बन गया है। पहले भी इस मस्जिद को लेकर कई बार विवाद उठ चुके हैं, जिसमें यह दावा किया गया था कि यह स्थान पहले हरिहर मंदिर था। इस विवाद ने सांप्रदायिक तनाव को और बढ़ा दिया है, और अब यह मामला अदालतों तक भी पहुंच चुका है।