KNEWS DESK- संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होते ही विपक्ष ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की मांग की। कांग्रेस सांसद सैयद नसीर हुसैन ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष कई मुद्दों पर चर्चा चाहता है, लेकिन सरकार चर्चा की अनुमति नहीं दे रही है। हुसैन ने विशेष रूप से अदाणी मामले पर जेपीसी (जॉइंट पार्लियामेंटरी कमेटी) से जांच की मांग की, साथ ही उन्होंने संभल, अजमेर, बांग्लादेश और मणिपुर मुद्दों का भी जिक्र किया। उनका कहना था, “जैसे ही हम अडानी का नाम लेते हैं, सरकार कार्यवाही स्थगित कर देती है।”
वहीं, कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने कहा कि विपक्ष सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अगर सरकार चाहती तो सदन की कार्यवाही चली सकती थी, लेकिन अगर वे नहीं चाहते तो यह सब एक ‘षड्यंत्र’ का हिस्सा है। “हमारी जिम्मेदारी नहीं है सदन चलाना, यह कुर्सी पर बैठे लोगों की जिम्मेदारी है,” उन्होंने स्पष्ट किया।
संसद परिसर में विपक्षी सांसदों ने अदाणी मामले पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित कांग्रेस के अन्य नेता भी शामिल हुए। विरोध प्रदर्शन के दौरान विपक्ष ने नारेबाजी की और सरकार से अदाणी मुद्दे पर पारदर्शी जांच की मांग की।
इससे पहले, संसद की कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा में प्रश्नकाल की शुरुआत हुई, जिसमें विपक्ष ने सरकार से कई मुद्दों पर स्पष्टीकरण मांगा। विपक्ष का कहना है कि सरकार उनके सवालों का सही तरीके से जवाब देने की बजाय सदन की कार्यवाही को बाधित कर रही है।
इस बार के शीतकालीन सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच तेज बहस और विरोध की संभावना बनी हुई है, क्योंकि विपक्ष सरकार के खिलाफ कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर खुलकर बोलने की तैयारी में है।
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