KNEWS DESK – उत्तर प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। ये मुलाकात करीब एक घंटे तक चली। इस दौरान भूपेंद्र चौधरी ने पीएम मोदी को लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन की जानकारी दी। इसके अलावा संगठन के मुद्दे पर भी बातचीत की गई।
चुनावी हार के लिए अति आत्मविश्वास भी जिम्मेदार
बता दें कि उत्तर प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की| लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के मुकाबले कम सीटें पाने के बाद बीजेपी के भीतर अलग-अलग आवाजें उठ रही हैं। इन सबके बीच भीतर चल रहे गहमा-गहमी में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और उप- मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा से अलग-अलग मुलाकात की थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मौर्य के बीच मतभेदों की खबरों को तब हवा लगी, जब मौर्य ने 14 जुलाई को लखनऊ में हुई पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में कहा कि ‘संगठन हमेशा सरकार से बड़ा होता है’। नड्डा ने भी इस बैठक में भाग लिया था, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में चुनावी हार के लिए अति आत्मविश्वास को भी जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि पार्टी विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के प्रचार अभियान का प्रभावी ढंग से मुकाबला नहीं कर सकी।
आगामी चुनावों से पहले खामियों को दुरुस्त करने के प्रयास
बहरहाल, पार्टी के टॉप नेतृत्व की ओर से मौर्य और चौधरी से बात करने की पहल को आगामी चुनावों से पहले संगठन में खामियों को दुरुस्त करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। लोकसभा चुनाव में विपक्ष के प्रदर्शन और बीजेपी को लगे झटके के बाद संगठन में चल रही खींचतान बीजेपी के लिए चिंता का सबब बनी हुई है क्योंकि 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद से बीजेपी के प्रमुख राजनैतिक ताकत के रूप में उभरने में उत्तर प्रदेश का बड़ा योगदान माना जाता है।
एनडीए और समाजवादी पार्टी के पास पांच-पांच सीटें
बीजेपी सूत्रों ने कहा कि अभी उनकी प्राथमिकता राज्य की 10 सीटों पर होने वाले विधानसभा उप-चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करना है। चुनाव आयोग जल्द ही चुनाव की तारीख की घोषणा कर सकता है। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए और समाजवादी पार्टी के पास पांच-पांच सीटें थीं। हाल के लोकसभा चुनावों में, सपा और कांग्रेस के गठबंधन ने राज्य की 80 लोकसभा सीटों में से 43 पर जीत हासिल की थी, जबकि बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने 36 सीटें जीती थीं। एनडीए ने 2019 में 64 सीटें जीती थीं