KNEWS DESK- 20 अगस्त को जवाहर भवन ऑडिटोरियम में राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार आयोजन के दौरान कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, अलगाव, नफरत, कट्टरता, पक्षपात की राजनीति को बढ़ावा देने वाली ताकतें आज सत्ता में हैं|
सोनिया गांधी ने कहा कि यह पुरस्कार उन व्यक्तियों और संस्थाओं को दिया जाता है जिन्होंने शांति, सांप्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने में विशेष योगदान दिया है| ये विषय अब और अधिक महत्वपूर्ण है, जब नफरत की राजनीति को बढ़ावा देने वाली ताकतें सक्रिय हैं|
सोनिया ने कहा, राजीव गांधी का राजनीतिक जीवन बहुत क्रूर तरीके से समाप्त हुआ लेकिन देश की सेवा करने के लिए मिले कम समय में उन्होंने अनगिनत उपलब्धियां हासिल कीं| वह देश में मौजूद विविधता की सुरक्षा और संरक्षण के समर्थक थे| उनकी व्यक्तिगत और राजनीतिक विरासत से यह स्पष्ट है कि वह इस तथ्य के प्रति बहुत संवेदनशील थे कि देश की धार्मिक, जातीय, भाषाई और सांस्कृतिक विविधता का जश्न मनाकर ही भारत की एकता को मजबूत किया जा सकता है|
आयोजन के दौरान सोनिया ने कहा कि राजीव गांधी सभी प्रकार की सांप्रदायिकता के खिलाफ थे| जब आंध्र प्रदेश में दंगे हुए थे तो गांधी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री से नैतिक आधार पर इस्तीफा देने को कहा था| राजीव गांधी आदिवासी समुदायों से उनके मुद्दों को सुलझाने के लिए मिलते थे, जिससे जमीनी स्थिति के अनुसार योजनाएं बनाई जा सके|
सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि राजीव गांधी महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध थे| उन्होंने पंचायतों और नगरपालिकाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण के लिए लड़ाई लड़ी| 1989 के संसदीय चुनावों में पहली बार 18 साल के युवाओं को वोट देने का अधिकार दिया गया, जिनमें आधी महिलाएं थीं| राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार 2020-21 राजस्थान में महिलाओं के लिए आवासीय संस्थान वनस्थली विद्यापीठ को दिया गया| सोनिया गांधी ने आगे कहा कि संस्था राजीव गांधी के सिद्धांतों और विचारों पर काम कर रही है|