KNEWS DESK- पश्चिमी हिमालयी राज्यों में पिछले तीन दिनों से जारी बर्फबारी और हिमपात के कारण तापमान में तेज गिरावट आई है। हिमाचल प्रदेश के सात जिलों में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे जा चुका है। लाहौल-स्पीति जिले के ताबो में तापमान शून्य से 12.7 डिग्री सेल्सियस नीचे रिकॉर्ड किया गया है, जोकि वहां के मौसम का सबसे ठंडा माप है। इस बर्फबारी से न केवल पहाड़ी इलाकों में ठिठुरन बढ़ी है, बल्कि मैदानी क्षेत्रों में भी शीतलहर का प्रकोप देखा जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, और दैनिक जीवन पर असर पड़ने लगा है।
कश्मीर घाटी में सबसे सर्द रात
कश्मीर घाटी के ज्यादातर हिस्सों में सोमवार की रात इस मौसम की सबसे सर्द रात रही। श्रीनगर में रात का तापमान माइनस 5.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो इस सीजन की सबसे कम रात थी। मौसम विभाग के अनुसार, पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण मैदानी इलाकों में शीतलहर का असर बढ़ गया है, जिससे ठंड और बढ़ गई है। आने वाले चार दिनों तक यह स्थिति बनी रह सकती है।
उत्तर भारत में शीतलहर और कोहरे का असर
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर भारत के ज्यादातर मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान 5 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच चल रहा है। हरियाणा के हिसार और राजस्थान के चूरू में तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। पश्चिम बंगाल के गंगा किनारे, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, सिक्किम और पूर्वोत्तर राज्यों में बुधवार तक घना कोहरा छाने का अनुमान है। असम, मणिपुर, त्रिपुरा, और नगालैंड में भी हल्का से घना कोहरा 12 दिसंबर तक देखने को मिल सकता है।
हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी और सड़क दुर्घटनाओं की आशंका
हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी के बाद शीतलहर का प्रकोप और बढ़ गया है। सोमवार रात सात जिलों में न्यूनतम तापमान माइनस में रिकॉर्ड किया गया, जिससे सड़कों पर फिसलन बढ़ गई है। प्रदेश के कई स्थानों पर पानी के पाइप जम गए हैं, और चंबा-किलाड़ वाया सचे जोत मार्ग बंद हो गया है। मनाली-लेह मार्ग पर यात्रा करना खतरनाक हो गया है। इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश में शीतलहर के चलते जनजीवन प्रभावित हो रहा है और कई रास्तों पर यात्रा असुरक्षित हो गई है।
उत्तराखंड में ठिठुरन और शीतलहर का अलर्ट
उत्तराखंड में भी बर्फबारी और बारिश का असर दिखाई देगा। मौसम विज्ञान केंद्र ने 11 और 12 दिसंबर के लिए पाले का यलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें शीतलहर के चलते ठिठुरन और बढ़ने की संभावना है। उत्तराखंड के कई जिलों में ठंड का असर महसूस किया जाएगा, और वहां शीतलहर के कारण लोग और भी ठंड का सामना करेंगे।
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