KNEWS DESK – सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल-सऊद अपनी दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर भारत पहुंचे हैं, जो दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और आर्थिक रिश्तों को और मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस यात्रा का उद्देश्य भारत और सऊदी अरब के बीच गहरे होते संबंधों को एक नई दिशा देना है, जिससे न केवल द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा मिले, बल्कि वैश्विक मंच पर भी दोनों देशों के सहयोग को मजबूती मिले।
SPC समिति की बैठक में महत्वपूर्ण चर्चा
बता दें कि प्रिंस फैसल अपनी यात्रा के दौरान भारत-सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी परिषद (SPC) की राजनीतिक, सुरक्षा, सामाजिक और सांस्कृतिक समिति की दूसरी बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे। यह बैठक दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करने के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में कार्य करेगी। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस यात्रा को एक महत्वपूर्ण अवसर बताया, जो न केवल दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देगा, बल्कि व्यापक वैश्विक मुद्दों पर भी दोनों देशों को एक साथ लाएगा।
विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ वार्ता
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ प्रिंस फैसल की बैठक हैदराबाद हाउस में होगी, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इन मुद्दों में ऊर्जा सुरक्षा, व्यापार, निवेश, और प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने पर जोर दिया जाएगा। सऊदी अरब, भारत के लिए एक प्रमुख ऊर्जा आपूर्तिकर्ता है, और इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
प्रवासी भारतीयों के लिए नई संभावनाएं
सऊदी अरब में काम करने वाले भारतीय प्रवासी दोनों देशों के रिश्तों का एक अहम हिस्सा हैं। उनके योगदान से न केवल सऊदी समाज को फायदा हुआ है, बल्कि यह भारत-सऊदी अरब के सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों को भी बढ़ावा देने का काम कर रहा है। प्रिंस फैसल की इस यात्रा के दौरान प्रवासी भारतीयों के लिए रोजगार, जीवनशैली और सुविधाओं से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की संभावना जताई जा रही है, जिससे दोनों देशों के बीच और अधिक सहयोग बढ़ सकता है। यह दोनों देशों के सामाजिक संबंधों को और मजबूत करने का एक मौका है।
द्विपक्षीय संबंधों को नई गति मिलेगी
यह यात्रा भारत और सऊदी अरब के बीच राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक, और सांस्कृतिक संबंधों में नई ऊर्जा का संचार करेगी। खासतौर पर, रक्षा, व्यापार, और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। सऊदी अरब और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों की गहरी होती साझेदारी से क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों में भी दोनों देशों की भूमिका सशक्त हो सकती है। इसके अलावा, वैश्विक मंच पर भारत-सऊदी साझेदारी की अहमियत को और बढ़ाया जा सकता है, जिससे वैश्विक राजनीति में दोनों देशों का प्रभाव बढ़ेगा।