KNEWS DESK – उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भारी हिंसा हुई। ASI (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) की टीम को सर्वे करने के लिए भेजा गया था, लेकिन इस दौरान इलाके में हिंसा भड़क उठी। लोग आक्रोशित हो गए और पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसके साथ ही कई गाड़ियों में आग लगा दी गई। इस उपद्रव में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि कई पुलिसकर्मी, एसपी (सूबा पुलिस), भी घायल हो गए।
सर्वे के दौरान हिंसा
दरअसल बता दें कि संभल के जामा मस्जिद में अदालत के आदेश पर एएसआई (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) की टीम सर्वे करने पहुंची थी। सर्वे की शुरुआत से पहले मस्जिद के इमाम से सहमति ली गई थी, लेकिन फिर भी कुछ अराजक तत्वों ने मस्जिद के आसपास उपद्रव किया। सर्वे के लिए आई एएसआई की टीम को देखते ही स्थानीय लोग भड़क उठे। उन्होंने पुलिस और अधिकारियों पर पथराव किया, जिससे पूरे इलाके में भारी अशांति फैल गई। महिलाओं ने अपने घरों की छतों से पत्थर फेंके, जबकि पुरुषों ने सड़कों पर आगजनी की। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे, लेकिन हिंसा बढ़ती ही गई। इस दौरान संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में तीन लोग अपनी जान गंवा बैठे। इस मामले को लेकर स्थानीय परिवारों ने अपनी-अपनी शंका जाहिर की। एक परिवार ने दावा किया कि उनके सदस्य नईम की मौत बवाल के दौरान गोली लगने से हुई। उनका कहना था कि नईम प्रदर्शन के लिए नहीं, बल्कि काम से बाहर निकला था।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
हिंसा के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने 15 लोगों को गिरफ्तार किया है और बाकी उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि जब सर्वे टीम पहुंची, तो वहां बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और इनमें से कुछ ने पुलिस टीम पर पथराव किया। इस दौरान भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। पुलिस ने हालात को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और हल्का बल प्रयोग किया।
पुलिस का बयान
संभल के एसपी कृष्ण कुमार ने घटनास्थल का दौरा किया और बताया कि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में किया है और इलाके में शांति स्थापित हो गई है। उन्होंने कहा कि सर्वे का कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया, और हिंसा फैलाने वाले आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि हिंसा में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है, और उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
अखिलेश यादव का बीजेपी पर हमला
इस घटना को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी सरकार और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह हिंसा पूर्व नियोजित थी और चुनावी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इसे अंजाम दिया गया। अखिलेश यादव ने कहा कि एएसआई टीम को जानबूझकर ऐसे समय पर भेजा गया था, जब राज्य में उपचुनाव के परिणाम सामने आने वाले थे, ताकि लोग उस पर चर्चा न कर सकें।
अखिलेश यादव ने सवाल उठाया कि यदि सर्वे पहले ही हो चुका था, तो फिर दूसरे सर्वेक्षण की जरूरत क्यों पड़ी? उन्होंने यह भी कहा कि सर्वे का आयोजन सुबह-सुबह, बिना किसी तैयारी के किया गया, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
राज्य में तनावपूर्ण माहौल
संभल में हुई इस हिंसा ने पूरे राज्य को एक बार फिर सुलगते हुए विवाद की ओर धकेल दिया है। जहां एक ओर पुलिस ने स्थिति पर नियंत्रण पाया, वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने इसे बीजेपी की साजिश करार दिया है। अब देखना यह है कि इस मामले में सरकार किस तरह की कार्रवाई करती है और क्या स्थानीय समुदाय की नाराजगी को शांत किया जा सकेगा।