KNEWS DESK- मध्यप्रदेश के ग्वालियर में आयोजित होने वाले रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन आगामी साल जीआईएस के पहले रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के रूप में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह आयोजन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में ग्वालियर के राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में होगा।
इस कॉन्क्लेव में देश-विदेश के प्रमुख उद्योगपति, निवेशक, और सरकारी अधिकारी शामिल होंगे। इनमें केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, और राज्य सरकार के अन्य मंत्री शामिल हैं। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य ग्वालियर की सांस्कृतिक और औद्योगिक धरोहर को प्रदर्शित करना और नए निवेश के अवसरों को उजागर करना है।
40 से अधिक सेक्टर की प्रदर्शनी और एक से एक चर्चा
कॉन्क्लेव में 40 से ज्यादा सेक्टर की प्रदर्शनियां आयोजित की जाएंगी, जिनमें उद्योगपतियों से वन-टू-वन चर्चाएं भी की जाएंगी। इसके अलावा, 7 देशों के ट्रेड कमिश्नरों ने इस कार्यक्रम में शामिल होने की सहमति दी है। इनमें नीदरलैंड, जाम्बिया, कनाडा, कोस्टारिका, ताइवान, टोंगो और घाना शामिल हैं।
विशेष रूप से अडानी समूह के करन अडानी और एक्सेंचर जैसी विश्वविख्यात कंपनियों के सीईओ भी इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। यह कॉन्क्लेव न केवल ग्वालियर के औद्योगिक परिदृश्य को बढ़ावा देगा, बल्कि नए निवेश और रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करेगा।
ग्वालियर की जीआई टैग कालीन और सेंड स्टोन की विशेषताएँ
ग्वालियर का कारपेट, जिसे हाल ही में 175वां जीआई टैग मिला है, विशेष स्थान रखता है। इस जीआई टैग से कालीन उद्योग का तेजी से विकास हुआ है और इसका निर्यात विदेशों में भी हो रहा है।
इसके अलावा, ग्वालियर का सेंड स्टोन भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में उच्च मांग में है। यहाँ के स्टोन पार्क में लगभग 50 इकाइयाँ सालाना 68 हजार टन पत्थर का उत्पादन करती हैं, जिसे 100 से अधिक देशों में निर्यात किया जाता है। सेंड स्टोन की खासियत यह है कि यह न तो सर्दियों में अत्यधिक ठंडा होता है और न ही गर्मियों में बहुत गर्म। इसका उपयोग सीढ़ियों, स्विमिंग पूल, फार्म हाउस, और घर के गार्डन वाकिंग एरिया में किया जाता है।
ग्वालियर के इस इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से अपेक्षाएँ
ग्वालियर के इस रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से न केवल ग्वालियर और मध्यप्रदेश की औद्योगिक संभावनाएँ खुलेंगी, बल्कि यहाँ के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। इस आयोजन के माध्यम से ग्वालियर को एक नया आर्थिक और औद्योगिक चेहरा प्राप्त होगा, जो प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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