KNEWS DESK – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में अनोखी प्रतिभाओं से भरी दो नन्ही बच्चियों, 6 वर्षीय भव्या और 3 वर्षीय भविषा कोटडिया, से मुलाकात की। इन नन्ही बच्चियों ने अपनी उम्र से कहीं अधिक बुद्धिमत्ता का परिचय देते हुए विश्व स्तर पर अद्वितीय उपलब्धियां हासिल की हैं। इस अवसर पर उनके माता-पिता गौरव कोटडिया और नमिता कोटडिया भी उपस्थित थे।
भव्या की वर्ल्ड रिकॉर्ड में अद्वितीय उपलब्धि
6 वर्षीय भव्या को विभिन्न आविष्कारों के नाम और उनके अविष्कारकों का नाम कंठस्थ है। अपनी इस अद्भुत स्मरणशक्ति का परिचय देते हुए भव्या ने मात्र 1 मिनट 35 सेकंड में 50 अविष्कारकों के नाम बताकर वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस में अपना नाम दर्ज कराया है। इतनी कम उम्र में इस उपलब्धि को हासिल कर भव्या ने न केवल अपने माता-पिता का, बल्कि राज्य का भी नाम रोशन किया है।
भविषा की अद्वितीय स्मरणशक्ति
वहीं, 3 वर्षीय भविषा ने अपनी अद्भुत स्मरणशक्ति का परिचय देते हुए मात्र 2 मिनट 21 सेकंड में 100 देशों की राजधानियों के नाम बताकर वर्ल्डवाइड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में अपनी जगह बनाई है। इतनी छोटी उम्र में इतनी जानकारी होना, उसके असाधारण प्रतिभा का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री का अभिनंदन और आशीर्वाद
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दोनों बच्चियों की उपलब्धियों पर गर्व व्यक्त करते हुए उन्हें उज्जवल भविष्य के लिए आशीर्वाद प्रदान किया। उन्होंने कहा, “इन बच्चियों की प्रतिभा अद्वितीय है और राज्य को इन पर गर्व है। इतनी छोटी उम्र में विश्व रिकॉर्ड हासिल करना असाधारण बात है। भव्या और भविषा न केवल परिवार, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय हैं।”
इस अवसर पर भव्या और भविषा के पिता गौरव कोटडिया ने मुख्यमंत्री को अपनी बेटियों की अद्वितीय उपलब्धियों के प्रमाण पत्र और मेडल दिखाए। उन्होंने बताया कि किस प्रकार उनकी बेटियों ने इतनी छोटी उम्र में यह उपलब्धियां हासिल की हैं।
भविष्य में और उपलब्धियां हासिल करने की उम्मीदB
मुख्यमंत्री ने दोनों बच्चियों के माता-पिता की भी प्रशंसा की, जिन्होंने अपनी बेटियों को इस मुकाम तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भव्या और भविषा की यह उपलब्धियां अन्य बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगी और आगे चलकर ये नन्हीं बच्चियां और भी महान उपलब्धियां हासिल करेंगी। इस मुलाकात ने यह साबित कर दिया कि छोटी उम्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल करना संभव है, जब परिवार का साथ और बच्चों में सीखने की ललक हो।