KNEWS DESK- लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दूसरे दिन, आज शाम करीब 5 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधान के 75 साल पूरे होने के अवसर पर अपना संबोधन देंगे। इस चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार की नीतियों पर तीखा हमला बोला और उन्होंने देश के युवाओं, किसानों, और छोटे व्यापारियों की समस्याओं को लेकर गंभीर सवाल उठाए।
राहुल गांधी ने अपने भाषण में देश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे असमानता और उत्पीड़न की स्थिति पर प्रकाश डाला। उन्होंने विशेष रूप से अदाणी और अंबानी जैसे बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने की नीति पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि जब सरकार इन बड़े उद्योगपतियों को देश की अहम संसाधनों जैसे बंदरगाह और एयरपोर्ट सौंपती है, तो वह छोटे व्यापारियों और ईमानदार मेहनत करने वालों का हक मारती है।
युवाओं और किसानों का हक मारा जा रहा है
राहुल गांधी ने देश के युवाओं का उदाहरण देते हुए कहा, “लेटेरल एंट्री देकर आप युवाओं का हक मारते हैं, जो देश की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। आप पेपर लीक करके उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं। सेना में भर्ती के लिए कड़ी मेहनत करने वाले हजारों युवाओं के साथ आपने ‘अग्निवीर’ योजना के तहत धोखा किया है।” उन्होंने कहा कि जब किसान अपनी मेहनत की कीमत, यानी एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की मांग करते हैं, तो सरकार उनकी बात नहीं सुनती, लेकिन बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाती है।
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि संविधान में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि एकाधिकार होना चाहिए या अग्निवीर जैसी नीतियां होनी चाहिए। उन्होंने यह आरोप लगाया कि सरकार अपने फैसलों से देश के आम नागरिकों का हक मार रही है और संविधान के मूल उद्देश्य के खिलाफ काम कर रही है।
एकलव्य का उदाहरण
अपने भाषण में राहुल गांधी ने एकलव्य की कहानी का उदाहरण दिया, जिसे द्रोणाचार्य ने सिखाने से मना कर दिया था, क्योंकि वह स्वर्ण जाति से नहीं था। राहुल गांधी ने कहा, “द्रोणाचार्य ने एकलव्य का अंगूठा काट दिया था, क्योंकि वह एक ‘अच्छे’ गुरु के योग्य नहीं था। अब उसी तरह, आप हिंदुस्तान के युवाओं का अंगूठा काट रहे हैं, क्योंकि वे आपकी नीतियों के खिलाफ खड़े हो रहे हैं।” उनका यह उदाहरण सरकार की नीतियों से असहमत युवाओं और आम लोगों के खिलाफ उठाए गए कदमों का प्रतीक था।
सरकार पर हमला
राहुल गांधी ने अपने भाषण में यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने संविधान की मूल भावना को नजरअंदाज कर दिया है। उन्होंने कहा, “संविधान में यह नहीं लिखा है कि आप हिंदुस्तान के युवाओं का अंगूठा काट सकते हैं या किसानों को उनके अधिकारों से वंचित कर सकते हैं। संविधान में यह नहीं लिखा है कि बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाया जाए और आम जनता को नजरअंदाज किया जाए।”
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